अयोध्या में दिव्य श्रृंगार का अलौकिक अवसर
आज, 4 अक्टूबर 2024, को अयोध्या में भगवान श्री रामलला का विशेष श्रृंगार किया गया है। यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। अयोध्या के राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में भगवान रामलला की भव्य आरती और श्रृंगार का लाइव दर्शन भक्तों के लिए उपलब्ध है।
आरती का समय और विधि
प्रभु श्री रामलला का पहला जागरण आरती सुबह 6:30 बजे होती है। आरती की प्रक्रिया में भगवान को जगाने के साथ-साथ उन्हें स्नान करवा कर विभिन्न वस्त्र पहनाए जाते हैं। मौसम के अनुसार भगवान को विशेष वस्त्र पहनाए जाते हैं। गर्मियों में हल्के सूती कपड़े और जाड़े में ऊनी वस्त्रों का उपयोग किया जाता है।
दोपहर 12 बजे भोग आरती होती है, जिसमें भगवान को विभिन्न व्यंजन अर्पित किए जाते हैं। इसके बाद सायं को साढ़े सात बजे संध्या आरती का आयोजन किया जाता है। रात में भगवान को 8:30 बजे शयन के लिए ले जाया जाता है। रामलला के दर्शन का समय सुबह 7:30 बजे तक सीमित रहता है।
भोग का विशेष महत्व
भगवान रामलला को चार समय भोग अर्पित किया जाता है, जिसमें सुबह बाल भोग से शुरू होकर विभिन्न प्रकार के व्यंजन परोसे जाते हैं। ये सभी व्यंजन राम मंदिर की रसोई में भक्तों द्वारा तैयार किए जाते हैं। खासकर, रामलला को दिल्ली से मंगाई गई फूलों की माला अर्पित की जाती है, जो उनके दिव्य श्रृंगार का अभिन्न हिस्सा है।
भक्तों का श्रद्धा भाव
रामलला के प्रति भक्तों की असीम श्रद्धा और भक्ति उन्हें हर दिन नए रूप में दर्शन देती है। इस अवसर पर भक्तों के लिए अयोध्या पहुंचना और रामलला के दिव्य दर्शन करना एक अनूठा अनुभव होता है।
लाइव दर्शन का लाभ उठाएं
जो भक्त अयोध्या नहीं पहुंच पा रहे हैं, वे लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से रामलला के अलौकिक श्रृंगार और आरती का दर्शन कर सकते हैं। यह अवसर न केवल श्रद्धा का बल्कि भक्ति का भी प्रतीक है, जो भक्तों को भगवान के नजदीक लाने का कार्य करता है।
निष्कर्ष
4 अक्टूबर का दिन अयोध्या में न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह विश्वास और भक्ति का प्रतीक भी है। भक्तों को रामलला का दर्शन और उनका श्रृंगार देखकर एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता का अनुभव होगा।