भोपाल/रायसेन : शारदीय नवरात्रि के अवसर पर मां काली के भक्तों के लिए एक अद्भुत और दिव्य घटना घटने वाली है। रायसेन जिले के गुदावल गांव स्थित 400 साल पुराने कंकाली मंदिर में दशहरे के दिन मां काली की गर्दन सीधी हो जाएगी, जो भक्तों के लिए एक अनोखा अनुभव होगा। मंदिर के पुजारियों और भक्तों का मानना है कि इस दिन कुछ विशेष क्षणों के लिए मां काली अपनी गर्दन सीधी करती हैं। जिन भक्तों पर मां की विशेष कृपा होती है, उन्हें यह चमत्कारी दृश्य देखने का सौभाग्य प्राप्त होता है।
मां की कृपा से होंगे कष्ट दूर
मान्यता के अनुसार, दशहरे के दिन मां काली की सीधी गर्दन के दर्शन करने वाले भक्तों के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं। जो भी भक्त मां की कृपा प्राप्त करता है, उसका जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है। इस दिव्य अवसर का लाभ उठाने के लिए देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में भक्त गुदावल गांव में स्थित कंकाली मंदिर पहुंचते हैं।
मंदिर का इतिहास और मान्यता
कंकाली मंदिर का इतिहास लगभग 400 साल पुराना है। यह मंदिर भारत में अद्वितीय है, क्योंकि यहां मां काली की एकमात्र ऐसी प्रतिमा है जिसकी गर्दन 45 डिग्री झुकी हुई है। 1731 में हर लाल मीणा नामक व्यक्ति को एक सपना आया, जिसके बाद यहां खुदाई की गई और मां काली की मूर्ति प्राप्त हुई। उसी स्थान पर इस प्राचीन मंदिर की स्थापना की गई।
मन्नत पूरी करने का अद्भुत स्थान
कंकाली मंदिर में भक्तों की मन्नत पूरी करने की प्राचीन मान्यता है। यहां भक्त बंधन बांधते हैं और जब उनकी मुराद पूरी हो जाती है, तो वे उस बंधन को खोलने के लिए फिर से मंदिर आते हैं। संतान प्राप्ति के लिए विशेष रूप से महिलाएं उल्टे हाथ से गोबर लगाकर मन्नत मांगती हैं और मुराद पूरी होने पर सीधे हाथ से निशान बनाती हैं।
भैंसे की बली की प्रथा
इस मंदिर में पहले भैंसे की बली दी जाती थी, जिसे 1970 के बाद बंद कर दिया गया। मंदिर का वास्तु भी अद्वितीय है, जहां एक 10,000 वर्ग फीट के हॉल में बिना किसी पिलर के निर्माण किया गया है। यह मंदिर वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है और भक्तों के लिए आध्यात्मिक आस्था का केंद्र बना हुआ है।
सुरक्षा के विशेष प्रबंध
नवरात्रि के दौरान यहां भारी संख्या में भक्तों के आगमन को देखते हुए मंदिर प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। मंदिर के ट्रस्टी ओमप्रकाश मीना ने बताया कि इस बार भक्तों की संख्या बहुत ज्यादा हो सकती है, इसलिए पुलिस बल और प्रशासन ने विशेष सुरक्षा प्रबंध किए हैं।
इस प्रकार, दशहरे के दिन गुदावल के कंकाली मंदिर में मां काली के दिव्य दर्शन का अद्भुत अनुभव प्राप्त करना हर भक्त की आस्था और भक्ति को और भी गहरा बना देता है।