राष्ट्रपति भवन पहुंचे नक्सल पीड़ित परिवार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करेंगे मुलाकात

Harsh Dongre
Harsh Dongre - Editor Kanker
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नई दिल्ली: बस्तर जिले के नक्सली हिंसा से पीड़ित परिवार इन दिनों राजधानी दिल्ली में अपने दर्द और संघर्ष की कहानी देश और दुनिया के सामने रखने आए हैं। आज, ये पीड़ित परिवार राष्ट्रपति भवन पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से होने वाली है। इन परिवारों के साथ बस्तर शांति समिति के सदस्य भी शामिल हुए हैं।

ये वही लोग हैं जिन्होंने नक्सली हिंसा के कारण अपने परिजनों को खोया है या खुद गंभीर रूप से अपंग हो गए हैं। अपने जीवन में नक्सलवाद से हुए अत्याचारों को झेलने वाले ये लोग, दिल्ली में आकर इस हिंसा के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। हाल ही में, ये पीड़ित परिवार देश के प्रसिद्ध जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) भी पहुंचे थे। हालांकि, उन्हें बस द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी, फिर भी उन्होंने अन्य साधनों से वहां पहुंचकर अपने अनुभव साझा किए और छात्रों तथा बुद्धिजीवियों को नक्सली हिंसा की सच्चाई से अवगत कराया।

इसके पहले, नक्सल पीड़ितों की यह टोली केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिली थी। इस मुलाकात के दौरान गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बस्तर के चार जिलों को छोड़कर पूरे देश से नक्सलवाद को खत्म करने में बड़ी सफलता हासिल की है। शाह ने 31 मार्च 2026 की तारीख तय करते हुए देश से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का संकल्प दोहराया। उन्होंने नक्सलियों से भी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने और हिंसा छोड़ने की अपील की थी।

नक्सली हिंसा से पीड़ित लोगों का यह समूह देशभर में जाकर समाज के विभिन्न वर्गों से मुलाकात कर रहा है, ताकि नक्सली आतंक का वास्तविक चेहरा उजागर किया जा सके और सरकार के प्रयासों को जन-समर्थन मिले। यह पहल नक्सली प्रभाव वाले इलाकों में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।

(रिपोर्ट: हर्ष कुमार)

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