NSG कमांडो हटेंगे 9 नेताओं की सुरक्षा से, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

Harsh Dongre
Harsh Dongre - Editor Kanker 47 Views
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लखनऊ – केंद्र सरकार ने वीआईपी सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) को वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी से हटाने का निर्णय लिया है। अत्यधिक जोखिम वाले नौ प्रमुख नेताओं की सुरक्षा में तैनात एनएसजी कमांडो को अब उनकी सुरक्षा जिम्मेदारी से मुक्त किया जाएगा। इन नेताओं की सुरक्षा अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) द्वारा संभाली जाएगी।

इन नेताओं की सुरक्षा से हटेंगे NSG कमांडो

केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की सुरक्षा से एनएसजी कमांडो हटाए जाएंगे। इन सभी नेताओं को अब सीआरपीएफ की सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।

क्यों लिया गया यह निर्णय?

गृह मंत्रालय द्वारा लिए गए इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) को उनके मूल कर्तव्यों पर केंद्रित करना है। एनएसजी का गठन मुख्यतः आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए किया गया था, और अब इसे इस दिशा में पूरी तरह से सक्रिय करने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में एनएसजी कमांडो कुछ प्रमुख वीआईपी नेताओं की सुरक्षा में लगे हुए हैं, जिसे अब CRPF द्वारा संभाला जाएगा। यह निर्णय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले दोनों बलों के बीच जिम्मेदारियों को पुनर्वितरित करने के प्रयास का हिस्सा है।

कब तक होगा यह परिवर्तन?

गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा का यह हस्तांतरण एक महीने के भीतर पूरा किया जाएगा। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नए सुरक्षा बलों द्वारा पूरी तरह से प्रभावी सुरक्षा प्रबंधन हो सके। CRPF ने इन उच्च जोखिम वाले नेताओं की सुरक्षा के लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है।

सुरक्षा में बदलाव का असर

विशेषज्ञों का मानना है कि एनएसजी को आतंकवाद विरोधी अभियानों में लगाने से राष्ट्रीय सुरक्षा के स्तर में सुधार होगा, क्योंकि एनएसजी बल विशेष रूप से इन अभियानों के लिए प्रशिक्षित हैं। वहीं CRPF ने पहले भी कई महत्वपूर्ण नेताओं और वीआईपी लोगों की सुरक्षा संभाली है और इसमें उनकी विशेषज्ञता है।

निष्कर्ष

केंद्र सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस बदलाव से जहां एक ओर एनएसजी अपनी मूल जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित कर सकेगा, वहीं सीआरपीएफ द्वारा नौ उच्च जोखिम वाले नेताओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।

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