कवर्धा में बारिश का कहर: पुल की कमी से ग्रामीणों की समस्याएं बढ़ीं, जान जोखिम में डाल कर रहे उफनती नदियों को पार

Pushpraj Singh Thakur
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छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही बारिश से राज्य के कई जिले जलमग्न हो गए हैं। नदियों और नालों के उफान पर होने से ग्रामीण इलाकों में पुल और पुलिया के अभाव में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से कवर्धा जिले के सहसपुर/लोहारा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम बड़ौदा खुर्द के लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं।

मैकल पर्वत श्रृंखला के किनारे स्थित बड़ौदा खुर्द गाँव से कर्रानाला नदी बहती है। यह नदी दक्षिण से निकलकर घने जंगलों के बीच से होकर पूर्व की ओर बहती है। इस नदी पर आज तक कोई पुल का निर्माण नहीं हुआ है, जिससे ग्रामीणों को भारी निराशा और हताशा का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन किसी ने भी पुल निर्माण पर ध्यान नहीं दिया।

 

ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कांग्रेस शासनकाल में पुल बनाने का वादा किया गया था, लेकिन वह वादा भी अधूरा रह गया। वर्तमान में भाजपा सरकार से भी ग्रामीणों को उम्मीदें थीं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

बारिश के मौसम में ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है। वे अपने खेतों में काम करने के लिए इस खतरनाक नदी को पार करते हैं। दूर दराज से आने वाले राहगीरों को भी इसी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

सावन के महीने में बाबा भोलेनाथ के श्रद्धालु कांवरिया भाई बंधु इन रास्तों से गुजरकर छत्तीसगढ़ के खजुराहो भोरमदेव की यात्रा करते हैं। इन रास्तों में कई पर्यटन स्थल भी हैं, लेकिन नदी में बाढ़ के कारण नदी पार करने में कठिनाई होती है। पर्यटक मायूस होकर वापस लौट जाते हैं।

मीडिया ने कई बार इस समस्या को उठाया और अखबारों में प्रकाशित किया, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीण अब यह देखना चाहते हैं कि क्या सरकार उनकी समस्याओं पर ध्यान देगी या वे इसी तरह मुश्किलों भरे दिन गुजारने को मजबूर रहेंगे।

गांव के लोग वर्तमान भाजपा सरकार से उम्मीदें लगाए बैठे हैं कि वे इस समस्या का समाधान करेंगे। मीडिया के माध्यम से बार-बार इस मुद्दे को उठाने के बावजूद अभी तक सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

अब देखना यह होगा कि क्या सरकार इस नदी पर पुल निर्माण की ओर ध्यान आकर्षित करेगी या फिर ग्रामीणों को इसी तरह जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ेगी। ग्रामीणों की उम्मीदें और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सरकार को शीघ्र ही इस समस्या का समाधान करना चाहिए ताकि ग्रामीणों को इस कठिनाई से मुक्ति मिल सके।

 

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आप सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं एवं वर्तमान में India News के जिला ब्यूरोचीफ के रूप में काम कर रहे हैं। आप सॉफ्टवेयर डेवलपर एवं डिजाइनर भी हैं।

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