बिलासपुर। भारत स्काउट्स एवं गाइड्स, छत्तीसगढ़ राज्य के तत्वावधान में आयोजित राज्य स्तरीय कब-बुलबुल उत्सव एवं हिरक पंख चतुर्थ चरण जाँच शिविर का शुभारंभ 03 अगस्त 2025 को साइंस कॉलेज मैदान, सरकण्डा, बिलासपुर में उत्साहपूर्वक सम्पन्न हुआ। यह चार दिवसीय शिविर 02 से 05 अगस्त 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य के 15 जिलों से चयनित 400 कब-बुलबुल (प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे-बच्चियां) और 41 प्रभारी अधिकारी भाग ले रहे हैं। शिविर का उद्देश्य सेवा, सहयोग, अनुशासन, नेतृत्व क्षमता, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय चरित्र निर्माण को बच्चों में विकसित करना है।
शुभारंभ समारोह में महापौर पूजा विधानी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल रहीं और कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य मुख्य आयुक्त डॉ. सोमनाथ यादव ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य सचिव कैलाश सोनी, जिला शिक्षा अधिकारी विजय कुमार टंडे, जिला मुख्य आयुक्त बिलासपुर चन्द्रप्रकाश बाजपेयी और राज्य संगठन आयुक्त विजय यादव उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने दीप प्रज्वलन और स्कार्फ बांधकर शिविर का विधिवत शुभारंभ किया।
इस अवसर पर प्रतीक-चिह्न (लोगो) का भी विमोचन किया गया जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य का नक्शा, बुलबुल पक्षी, बाघ शावक और “कोशिश करो” का प्रेरणादायक संदेश शामिल है। यह लोगो नन्हें बच्चों के साहस, सेवा, समर्पण और प्रयास का प्रतीक माना गया।
महापौर पूजा विधानी ने कहा कि वह भी अपने स्कूली जीवन में बुलबुल रही हैं और आज पुनः उसी गौरवशाली परंपरा का हिस्सा बनकर गर्व महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि स्काउटिंग ने उन्हें आत्मविश्वासी, सशक्त और कर्तव्यनिष्ठ बनाया। उन्होंने छोटे बच्चों में अनुशासन और देशभक्ति की भावना देखकर प्रसन्नता जाहिर की और कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए डॉ. सोमनाथ यादव की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि डॉ. यादव का व्यक्तित्व अनुशासन और सौम्यता का सुंदर समन्वय है।
राज्य मुख्य आयुक्त डॉ. सोमनाथ यादव ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि स्काउटिंग का उद्देश्य बचपन से ही सेवा, नेतृत्व और राष्ट्रीय चेतना का भाव विकसित करना है। हिरक पंख जैसी गतिविधियाँ न केवल ज्ञान देती हैं बल्कि बच्चों में चरित्र, साहस और जिम्मेदारी का विकास भी करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत स्काउट्स एवं गाइड्स, छत्तीसगढ़ राज्य बच्चों के सर्वांगीण विकास और सामाजिक जिम्मेदारी के लिए निरंतर प्रयासरत है।
शिविर की प्रमुख गतिविधियों में प्राथमिक उपचार, गांठें, झंडा विधि, शिविर शिष्टाचार, देशभक्ति गीत, समूह गायन, सेवा कार्य, सांस्कृतिक प्रस्तुति, लोकनृत्य, योग, शारीरिक अभ्यास एवं सामूहिक गतिविधियाँ शामिल हैं। पारंपरिक खेलों में मेंढक कूद, संतुलन दौड़ (चम्मच/कंचा), काला मुड़ी, रस्सी कूद, बास्केट बॉल, पिन बोर्ड, लट्टू, गिल्ली डंडा, बैकेट/बॉल, ग्लास बॉल और बलून फोड़ जैसी गतिविधियाँ प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन गतिविधियों का उद्देश्य बच्चों के नेतृत्व कौशल, अनुशासन और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को मजबूत करना है।
कार्यक्रम का संचालन राज्य प्रशिक्षण आयुक्त शैलेन्द्र मिश्रा ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन राज्य सचिव कैलाश सोनी ने किया। आयोजन को सफल बनाने में जिला सचिव लता यादव, डॉक स्काउट महेंद्र टंडन, निधि कश्यप सहित रोवर और रेंजर सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।
“कोशिश करो” के मूल मंत्र को आत्मसात करते हुए प्रदेशभर से आए नन्हें कब-बुलबुल सेवा और संस्कार की भावना के साथ राष्ट्र निर्माण की दिशा में अग्रसर हैं।