अयोध्या में श्री रामलला का दिव्य श्रृंगार: 7 अक्टूबर का विशेष अवसर
अयोध्या, 7 अक्टूबर: आज, आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को, भगवान श्री रामलला का भव्य श्रृंगार अयोध्या में किया गया। यह दिन न केवल श्रद्धालुओं के लिए विशेष है, बल्कि पूरे ब्रह्मांड के स्वामी के अलौकिक दर्शन का भी अवसर प्रदान करता है।
श्री रामलला का श्रृंगार प्रतिदिन भव्य रूप से किया जाता है, जिसमें उन्हें विभिन्न रूपों में भक्तों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। इस दिन की तैयारी विशेष होती है, जहां भगवान को सजाने के लिए दिल्ली से लाए गए फूलों की माला का प्रयोग किया जाता है।
आरती का समय
भगवान रामलला की पहली आरती सुबह 6.30 बजे होती है। इस आरती के साथ ही भगवान को जगाने की प्रक्रिया शुरू होती है, जिसमें उन्हें स्नान करवाने, लेप लगाने और वस्त्र पहनाने का क्रम होता है। मौसम के अनुसार भगवान को अलग-अलग वस्त्र पहनाए जाते हैं। गर्मियों में हल्के सूती कपड़े और जाड़े में ऊनी वस्त्रों का उपयोग किया जाता है।
भोग और आरती
दोपहर 12 बजे भोग आरती होती है, जिसमें भगवान को विभिन्न प्रकार के व्यंजन अर्पित किए जाते हैं। शाम को 7.30 बजे तक रामलला के दर्शन किए जा सकते हैं, जिसके बाद उन्हें 8.30 बजे शयन करवाया जाता है। रामलला को चार बार भोग अर्पित किया जाता है, जिसमें सुबह की शुरुआत बाल भोग से होती है
विशेष अवसर का महत्व
आज के दिन, जब श्री रामलला का अलौकिक श्रृंगार हुआ, भक्तों का ताता मंदिर परिसर में लगा रहा। श्रद्धालुओं ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए भगवान श्री रामलला के दर्शन किए और उनकी कृपा प्राप्त की।
अयोध्या का यह धार्मिक स्थल न केवल भक्ति का केंद्र है, बल्कि यहां के धार्मिक उत्सव और श्रृंगार भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देते हैं। भगवान श्री रामलला की लीलाओं का यह दिव्य स्वरूप हमेशा श्रद्धालुओं को प्रेरित करता है और उनके मन में विश्वास का संचार करता है।
श्रद्धालुओं से निवेदन है कि वे अपने अनुभवों को साझा करें और इस दिव्य अवसर का हिस्सा बनें। रामलला की कृपा सब पर बनी रहे।