8 अक्टूबर 2024 को अयोध्या में भगवान श्री रामलला का भव्य श्रृंगार किया गया, जो भक्तों के लिए अलौकिक अनुभव प्रदान करता है। प्रतिदिन प्रभु श्री रामलला अलग-अलग रूपों में भक्तों को दर्शन देते हैं, और उनकी फूलों की माला विशेष रूप से दिल्ली से मंगाई जाती है।
सुबह 6.30 बजे रामलला की पहली आरती होती है, जो उन्हें जगाने से शुरू होती है। इसके बाद, रामलला को स्नान, लेप और वस्त्र पहनाने की प्रक्रिया होती है। गर्मियों में हल्के सूती वस्त्र और जाड़े में ऊनी कपड़े पहने जाते हैं।
दोपहर 12 बजे भोग आरती और शाम 7.30 बजे संध्या आरती होती है, जिसके बाद रामलला को 8.30 बजे शयन कराया जाता है। रामलला को चार समय भोग अर्पित किया जाता है, जिसमें हर समय के अनुसार विभिन्न व्यंजन बनाए जाते हैं। सुबह की शुरुआत बाल भोग से होती है।
आज आश्विन माह, शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को श्री रामलला का दिव्य श्रृंगार भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस अद्भुत अवसर पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में आने वाले सभी भक्तों को साक्षात्कार का अवसर मिलेगा।