कवर्धा कलेक्टर की सख्त कार्यवाही: 31 राइस मिलर्स की बैंक गारंटी राजसात, ब्लैकलिस्टिंग की चेतावनी

कस्टम मिलिंग में चावल जमा करने में देरी, 31 राइस मिलर्स की बैंक गारंटी होगी राजसात, ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश

Pushpraj Singh Thakur
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कवर्धा। कलेक्टर गोपाल वर्मा ने जिला कार्यालय के सभाकक्ष में खाद्य विभाग के अधिकारियों के साथ खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के अंतर्गत कस्टम मिलिंग के लिए धान उठाव और चावल जमा करने की गहन समीक्षा बैठक ली। कलेक्टर ने जिले में अब तक धान उठाव के अनुपात में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में चावल जमा न होने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने 31 राइस मिलर्स को कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ ही, यदि चावल जमा नहीं होता, तो उनकी बैंक गारंटी राजसात करने और राइस मिलों को ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश दिए हैं।

कलेक्टर वर्मा ने सभी राइस मिलर्स को नागरिक आपूर्ति निगम में शेष चावल 1 सप्ताह के भीतर जमा करने का सख्त निर्देश दिया। बैठक के दौरान बताया गया कि 31 राइस मिलर्स को 52,148 मीट्रिक टन चावल जमा करना था, जिनमें से केवल 36,097 मीट्रिक टन चावल जमा किया गया है। अभी भी 16,050 मीट्रिक टन चावल जमा करना शेष है।

कलेक्टर ने कहा कि जिले में धान का उठाव हो चुका है, लेकिन चावल जमा करने की प्रक्रिया को तेज करने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी राइस मिलर्स से समयसीमा के भीतर चावल जमा कराया जाए, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि चावल जमा करने में देरी से सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जिससे आम जनता को असुविधा हो सकती है।

जिला खाद्य अधिकारी सचिन मरकाम ने बताया कि जिले के राइस मिलर्स द्वारा 3,32,114 मीट्रिक टन धान उठाया गया है, जिसके अनुसार 2,24,830 मीट्रिक टन चावल जमा किया जाना था। लेकिन अभी तक केवल 1,57,987 मीट्रिक टन चावल ही जमा हो पाया है। कलेक्टर ने शेष 66,847 मीट्रिक टन चावल शीघ्र जमा करने के निर्देश दिए। एफसीआई में 1,17,013 मीट्रिक टन चावल जमा करना था, जिसमें से 69,213 मीट्रिक टन चावल जमा किया गया है, और 47,800 मीट्रिक टन चावल जमा करना बाकी है। नान में 1,07,817 मीट्रिक टन के लक्ष्य के मुकाबले 88,770 मीट्रिक टन चावल जमा हुआ है, जिसमें 19,047 मीट्रिक टन चावल जमा किया जाना शेष है।

कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे नियमित मॉनिटरिंग करें, भौतिक सत्यापन करें और प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि समय सीमा के भीतर चावल जमा न करने पर नियमानुसार सख्ती बरती जाएगी।

31 राइस मिलर्स में रॉयल राइस फूड, सूरज राइस मिल बोड़ला, वर्धमान एग्रो इंडस्ट्रीज, नरायणी उद्योग, हितांशु राइस मिल, एके राइस मिल छिरहा, जनता राइस मिल हरिनछपरा बोड़ला, आरके राइस हाउस, रॉयल फूड खुंटू, हितांशु फूड्स, हीरा फूड प्रोडक्ट, मां गौरी राइस मिल, हाडा एग्रो, गुरुदेव राइस मिल, प्रियंका राइस मिल रबेली, मां अंबे राइस मिल धरमपुरा, दीपिका राइस मिल, श्री कृष्णम एग्रो, शांतिदीप राइस प्रोडक्ट, एमएस जनक राइस मिल, श्री बालाजी राइस मिल, श्री प्रभुजी राइस मिल, अरिहंत राइस मिल सिंघनपुरी, जनता राइस मिल, सिद्धार्थ राइस मिल, जैन राइस मिल, विजय अन्न भंडार, अपूर्वा राइस मिल छिरहा, वीनीता राइस मिल, मंगल राइस प्रोडक्ट और अल्फाबेट फूड्स शामिल हैं।

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आप सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं एवं वर्तमान में India News के जिला ब्यूरोचीफ के रूप में काम कर रहे हैं। आप सॉफ्टवेयर डेवलपर एवं डिजाइनर भी हैं।
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