कवर्धा: लोहारीडीह अग्निकांड ने एक बार फिर से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की पुलिस के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी थी। शिव प्रसाद साहू उर्फ कचरू साहू की हत्या के मामले में नया मोड़ तब आया, जब पुलिस ने खुलासा किया कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या का मामला था। पुलिस ने मध्यप्रदेश के बीजाटोला गांव के खार में शिव प्रसाद साहू की लाश को फांसी के फंदे पर लटकता हुआ पाया था। प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या माना गया, लेकिन बाद में पुलिस जांच से पता चला कि शिव प्रसाद की हत्या कर इसे आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया गया था।
इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से एक आरोपी मृतक रघुनाथ साहू का बेटा दिनेश साहू भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि इन सभी आरोपियों ने मिलकर शिव प्रसाद की हत्या की साजिश रची थी। पुलिस दोपहर 2 बजे इस मामले का आधिकारिक खुलासा करेगी।
कैसे बना मामला हत्या का:
यह पूरा मामला 15 सितंबर 2024 की सुबह का है, जब शिव प्रसाद साहू की लाश फांसी के फंदे से लटकी मिली थी। घटना के बाद से ही लोहारीडीह के ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने शक जताया कि शिव प्रसाद की हत्या की गई है। इसी शक के आधार पर गुस्साई भीड़ ने मृतक रघुनाथ साहू के घर को घेर लिया, उसके परिवार के साथ मारपीट की और अंततः रघुनाथ साहू को जिंदा जला दिया। रघुनाथ साहू वही व्यक्ति था, जिसे गांव वालों ने शिव प्रसाद की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
रेंगाखार पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई की और रघुनाथ साहू की हत्या के आरोप में 168 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया, जिनमें से 33 महिलाओं समेत 69 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इसी बीच, हत्या के आरोप में गिरफ्तार एक अन्य आरोपी, प्रशांत साहू, की जेल में रहस्यमयी मौत हो गई। परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस की पिटाई के कारण प्रशांत की मौत हुई थी।
राजनैतिक उथल-पुथल और सरकारी कार्रवाई:
प्रशांत साहू की जेल में मौत के बाद प्रदेश भर में राजनैतिक हलचल शुरू हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और प्रशांत साहू के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इस घटना को प्रदेश की बड़ी विफलता करार देते हुए उन्होंने प्रशासन और पुलिस को दोषी ठहराया। प्रदेश सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आईपीएस विकास कुमार को निलंबित कर दिया और रेंगाखार थाना प्रभारी समेत 32 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया था।
पुलिस की जांच और गिरफ्तारी:
शिव प्रसाद साहू उर्फ कचरू साहू की हत्या में गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:
– दिनेश कुमार पिता रघुनाथ साहू (33 वर्ष), निवासी ग्राम लोहारीडीह, थाना रेंगाखार, जिला कबीरधाम, छत्तीसगढ़
– रोमन पिता सनूकलाल साहू (रघुनाथ का भांजा) (32 वर्ष), निवासी ग्राम लोहारीडीह, थाना रेंगाखार, जिला कबीरधाम, छत्तीसगढ़
– टेकचंद पिता सनूकलाल पटेल (24 वर्ष), निवासी भेलवाटोला, थाना रेंगाखार, जिला कबीरधाम, छत्तीसगढ़
– राखीलाल पिता सुखराम हिरवाने (दिनेश का बुआ का बेटा) (40 वर्ष), निवासी बनाफरटोला, ग्राम रेलवाही, थाना बिरसा, जिला बालाघाट, मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की संयुक्त पुलिस टीम ने इन चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि मृतक शिव प्रसाद साहू की बेटी ने इस मामले में आत्महत्या का नहीं, बल्कि हत्या का आरोप लगाया था, जिसके बाद पुलिस ने सघन जांच शुरू की। मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों राज्यों की पुलिस ने संयुक्त रूप से काम किया और सभी सबूत जुटाकर आरोपियों को पकड़ने में सफलता पाई।
परिजनों को मिला आर्थिक मदद का आश्वासन:
शिव प्रसाद साहू की बेटी द्वारा लगाए गए हत्या के आरोप के बाद प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्रियों, अरुण साव और विजय शर्मा, ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की। डिप्टी सीएम अरुण साव ने मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद प्रदान करने की घोषणा की और भरोसा दिलाया कि इस घटना की गहराई से जांच कराई जाएगी।
निष्कर्ष
लोहारीडीह अग्निकांड और शिव प्रसाद साहू की हत्या का यह मामला प्रदेश की राजनीति और कानून-व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था। पुलिस की तत्परता और दोनों राज्यों की संयुक्त कार्रवाई के चलते मामले का समाधान निकला और आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकी। इस पूरी घटना ने प्रदेश की जनता को झकझोर कर रख दिया है, और अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि पुलिस द्वारा की गई जांच और आरोपियों के खिलाफ की जाने वाली कानूनी कार्रवाई क्या मोड़ लेगी।