कवर्धा। हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष (अगहन) माह की पूर्णिमा तिथि को माता अन्नपूर्णा का प्राकट्य उत्सव मनाया जाता है। माता अन्नपूर्णा को अन्न की देवी और लक्ष्मी स्वरूपा माना गया है। पूरे मार्गशीर्ष माह में माता अन्नपूर्णा और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की परंपरा है।
कवर्धा के कैलाश नगर स्थित माता अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर में हर वर्ष माता का प्राकट्य उत्सव बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष यह उत्सव 15 दिसंबर 2024, दिन रविवार को आयोजित किया जाएगा।
विशेष मान्यता: मंदिर में यह मान्यता है कि यदि कोई भक्त पीले कपड़े में सुखा नारियल, खड़ी हल्दी, खड़ी सुपारी और पीला जावां रखकर, कपड़े में तीन गांठ लगाकर अपनी समस्या माता अन्नपूर्णेश्वरी को कहता है, तो माता उसकी परेशानियों को दूर करती हैं।
माता का महत्व: माता अन्नपूर्णा को अन्नपूर्णा होने के कारण अन्न व समृद्धि की देवी माना गया है। उनके प्रति श्रद्धालु विशेष भक्ति और आस्था रखते हैं। कैलाश नगर का यह मंदिर जिले में श्रद्धालुओं के बीच अत्यंत लोकप्रिय है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।