बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने बिलासपुर दौरे के दौरान कांग्रेस के हसदेव बचाओ आंदोलन पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उनके मुताबिक, वन कटाई की अनुमति प्रदेश में उस समय हुई थी, जब कांग्रेस की सरकार थी, और वहां हुए सभी घटनाएं कांग्रेस सरकार की अनुमति से ही हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के साथ की गई चर्चा के दौरान यह बयान दिया और कहा, “वन कटाई की अनुमति छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के समय की गई थी, और वहां हुए सभी घटनाएं उनकी अनुमति से ही हुई हैं।
उन्होंने इस बयान के माध्यम से आंदोलन को समझाया और प्रदेश की वन्यजनों के साथ समझौते की कीमत को सामने रखने की जरूरत को उजागर किया। इसे समाचार पत्रों और मीडिया के साथ साझा करते हुए, वह ने कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर सजग और सकारात्मक दृष्टिकोण रखती है और वन्यजनों के हित में कदम उठाएगी।
सरगुजा जिले में स्थित जैव विविधता संपन्न हसदेव अरण्य क्षेत्र में परसा पूर्व कांते बासन (पीईकेबी) कोयला खदान परियोजना के दूसरे चरण में पेड़ों की कटाई के खिलाफ सुरक्षा के बीच ग्रामीण और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मिलकर सोशल अभियान का आयोजन किया है। इस के साथ ही, कई लोग खदान परियोजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और जंगल और जैव विविधता की सुरक्षा के लिए आवाज उठा रहे हैं।
हसदेव क्षेत्र में कोयला खनन के खिलाफ आंदोलन कर रहे लोगों पर सोशल कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया है। इस मुद्दे को राज्य विधानसभा में उठाते हुए, विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी इस पर राज्य सरकार और उद्योगपतियों के पक्ष में बयान देने का आरोप लगाया है।”