छत्तीसगढ़: रायपुर में भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बयानबाजी, देखें क्या है पूरा मामला

Harsh Dongre
Harsh Dongre - Editor Kanker
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रायपुर: भाजपा की नेत्री राधिका खेड़ा ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस अपने घर में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर असफल रही है, जबकि वह महिला सुरक्षा की बात कर रही है। राधिका खेड़ा ने कांग्रेस पार्टी के कार्यालय 24 अकबर रोड पर भी सुरक्षा की कमी का आरोप लगाया और दावा किया कि वहां एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस ने महिला सुरक्षा को मजाक बना दिया है और पार्टी में महिलाएं न्याय के लिए तरस रही हैं।

राधिका खेड़ा की इस आलोचना के जवाब में, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने उन्हें “घिसा-पिटा मोहरा” करार दिया और कहा कि भाजपा उनका उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए कर रही है। बैज ने यह भी कहा कि राधिका खेड़ा का बयान सिर्फ भाजपा की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें दिल्ली से मदद बुलाने की बात की गई है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि केंद्र से राशि प्राप्त करने में विफल रही है, और छत्तीसगढ़ की जनता को कर्ज के बोझ में डाल रही है। बैज ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस इस कर्ज के विरोध में है और राज्य के लिए केंद्र से वित्तीय मदद की मांग करती है।

दीपक बैज ने राज्य सरकार द्वारा धान की खरीदी के लिए 37 हजार करोड़ का कर्ज लेने के प्रस्ताव पर भी टिप्पणी की और सवाल उठाया कि क्या राज्य सरकार कर्ज का सही तरीके से हिसाब दे पाएगी। इसके अलावा, उन्होंने बस्तर में CRPF की चार बटालियन की तैनाती के मुद्दे पर भी बात की और कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। बैज ने नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में निर्दोष आदिवासियों की जान की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया।

पूर्व मंत्री के खिलाफ दर्ज अपराधों के मामले में बैज ने कहा कि यह कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को डराने की कोशिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सीधे FIR दर्ज कर रही है, जबकि पहले परीक्षण करना चाहिए था। बैज ने यह भी कहा कि कांग्रेस के नेता डरने वाले नहीं हैं और भाजपा को अपने आरोपों पर ध्यान देना चाहिए।

इस बीच, राधिका खेड़ा ने कांग्रेस पर यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने विदेशों में ऐसी बातें की हैं जो उनकी पार्टी की महिला सुरक्षा की स्थिति को उजागर करती हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं को अपनी पार्टी की आंतरिक समस्याओं का समाधान करने की बजाय केवल राजनीतिक बयानों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

इस तरह की तीखी बयानबाजी के बीच, भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, जो आगामी चुनावों और राजनीति के अन्य पहलुओं पर असर डाल सकता है।

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