बैतूल, मध्य प्रदेश
बैतूल जिले से एक बेहद दर्दनाक और सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक नवविवाहिता ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। आत्महत्या से पहले उसने अपनी जांघ पर सुसाइड नोट लिखकर मौत की वजह स्पष्ट कर दी, जिससे पुलिसको इस मामले की जांच में अहम सुराग मिले।
घटना का विवरण
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के बोरदेही थाना क्षेत्र के बासन्या गांव की रहने वाली शिवानी गाठे (उम्र लगभग 22 वर्ष) ने आत्महत्या कर ली। चार महीने पहले ही शिवानी का विवाह हुआ था। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। जांच के दौरान पुलिस को एक ऐसा सुराग मिला जो इस आत्महत्या के पीछे की कहानी को उजागर करने में सहायक साबित हुआ।
सुसाइड नोट की चौंकाने वाली जानकारी
शिवानी ने अपनी जांघ पर सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए अपने पति, सास, जेठ और ननद को जिम्मेदार ठहराया। उसने लिखा, “मेरी मौत का कारण मेरा पति, जेठ, ननद और सास हैं। मुझे प्रतिदिन बहुत मारते हैं। सॉरी पापा, मैं हार गई हूं। आई लव यू पापा।” यह शब्द न केवल इस घटना की गहराई को उजागर करते हैं, बल्कि एक विवाहित स्त्री के दर्दनाक संघर्ष को भी सामने लाते हैं।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने घटना स्थल से शव को पोस्मार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम के बाद शिवानी का शव उसके मायके पक्ष को सौंप दिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पति, सास, जेठ और ननद के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। सभी आरोपियों पर धारा 304-बी (दहेज हत्या) और धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं। पुलिस इस मामले की विस्तृत जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई करेगी।
शिवानी की शादी को हुए थे केवल चार महीने
गौरतलब है कि शिवानी की शादी केवल चार महीने पहले हुई थी। विवाह के बाद से ही उसे ससुराल में प्रताड़ना और मारपीट का सामना करना पड़ा, जिससे वह मानसिक और शारीरिक रूप से टूट चुकी थी। आखिरकार, उसने अपने जीवन को समाप्त करने का फैसला कर लिया।
शोकाकुल मायके पक्ष की स्थिति
शिवानी के आत्महत्या की खबर सुनते ही उसके मायके में कोहराम मच गया। उसके पिता और परिजन बेहद सदमे में हैं। उन्होंने ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की है।
समाज में बढ़ती पारिवारिक प्रताड़ना और आत्महत्याएं
यह घटना उन हजारों महिलाओं के जीवन का प्रतिनिधित्व करती है जो विवाह के बाद ससुराल में मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का सामना कर रही हैं। यह एक बार फिर समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि विवाह के बाद महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
शिवानी गाठे की आत्महत्या का यह मामला एक गहरी त्रासदी है, जो न केवल उसके परिवार के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है। इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि दहेज प्रथा और पारिवारिक प्रताड़ना आज भी हमारे समाज में गहराई तक जड़ें जमाए हुए हैं, और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई और सामाजिक जागरूकता की अत्यधिक आवश्यकता है।