जशपुर : छत्तीसगढ़: राज्य के जशपुर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का एक और मामला सामने आया है, जिसने सरकारी तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिले के फरसाबहार ब्लॉक के वनगांव में आज सुबह एक बुजुर्ग महिला की तबियत अचानक बिगड़ने पर उनके परिजनों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस बुलाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल पाई। इस स्थिति में परिजनों ने महिला को खाट पर लिटाकर पैदल ही 3 किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया, जो न केवल असुविधाजनक था बल्कि मरीज की जान के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता था।
बुजुर्ग महिला की हालत बिगड़ी, एंबुलेंस नहीं मिली
वनगांव की निवासी मन्नू बाई, उम्रदराज होने के साथ-साथ उच्च रक्तचाप और सांस की गंभीर समस्या से जूझ रही थीं। परिजनों ने तुरंत एंबुलेंस सेवा को फोन किया, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण, बुजुर्ग की स्थिति बिगड़ती जा रही थी। मजबूर होकर परिजनों ने उन्हें खाट पर लिटाया और 3 किलोमीटर तक पैदल चलकर फरसाबहार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसने लोगों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया।
सीएम कार्यालय की त्वरित कार्रवाई, जिला अस्पताल के लिए मिली एंबुलेंस
जब यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो मुख्यमंत्री कार्यालय ने तत्काल संज्ञान लेते हुए बुजुर्ग के परिजनों से संपर्क किया। इसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल तक बुजुर्ग को ले जाने के लिए तुरंत एंबुलेंस की व्यवस्था कराई गई। मुख्यमंत्री कार्यालय की इस त्वरित कार्रवाई से परिजनों को राहत मिली, लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसी स्थिति क्यों बनी, जिससे मरीज की जान खतरे में पड़ गई।
स्वास्थ्य विभाग पर सवाल, CMHO ने नहीं उठाया फोन
इस गंभीर मामले को लेकर जब जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में CMHO के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि एंबुलेंस सेवा जैसी बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा में कमी के कारण एक बुजुर्ग महिला की जान खतरे में पड़ गई। यह घटना राज्य के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और कुप्रबंधन को उजागर करती है, जहां मरीजों को समय पर उपचार और परिवहन की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली पर सवाल
इस घटना ने जशपुर जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की असल स्थिति को उजागर कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है, और एंबुलेंस जैसी आवश्यक सेवाओं की अनुपलब्धता से ग्रामीणों को अत्यधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यह घटना सिर्फ एक उदाहरण है, लेकिन इससे साफ हो जाता है कि दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत चिंताजनक है।
समाज में आक्रोश, वायरल वीडियो ने बढ़ाई चिंता
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा पर सवाल उठाने लगे हैं। स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने सरकार से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की कोई घटना न हो और किसी मरीज को उचित चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण परेशानी का सामना न करना पड़े।
निष्कर्ष
जशपुर जिले की इस घटना ने स्वास्थ्य तंत्र की कमजोरियों को फिर से उजागर कर दिया है। बुजुर्ग महिला को समय पर एंबुलेंस सेवा न मिल पाने के कारण उनकी जान खतरे में पड़ गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय की त्वरित कार्रवाई से स्थिति को संभाल लिया गया। अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्या सुधार किए जाते हैं।