कवर्धा। शहर में प्रतिदिन किसी न किसी इलाके से वाहन दुर्घटना की खबर आते ही रहती है। ये खबरें और भी दुखद ही जाती हैं जब दुर्घटना में गो वंशो की मृत्यु हो। कवर्धा में 2–3 गौशाला होने के बावजूत सड़को पर सैकड़ों की संख्या में गायें घूमती रहती हैं। इनमें अधिकतर वो गाये होती हैं जिन्हे उनके मालिक दूध न देने या किसी प्रकार की बीमारी हो जाने पर घर से निकल देते हैं। कवर्धा में पालिका ने गायों को एक स्थान पर रखने का बहुत प्रायस किया परंतु यह संभव नहीं हो पाया। नगर में बहुत से पशु सेवा संस्थाएं हैं जो गायों के लिए प्रतिदिन अपनी सेवा दे रही रही हैं। परंतु उनका हर स्थान में उचित समय पर पहुंच पाना संभव नहीं है।
आज सुबह गौरक्षकों को सूचना मिली की नेशनल हाइवे 30 पर एक छोटा सा बछड़ा ट्रक के पहियों के बीच आ गया है। घटना स्थल पर पहुंचने पर उन्होने देखा की ट्रक बछड़े के ऊपर से निकल चुका था और बछड़े का शरीर तीतर बितर हो चुका था। इसके बावजूद गोरक्षक सागर ठाकुर, संस्कार दुबे, ओम ठाकुर, रमाकांत ठाकुर, लोकेश जायसवाल, रवि सिंह, मुन्ना साहू ने बछड़े के मृत शरीर को ट्रक के नीचे से निकल कर उसका अंतिम संस्कार किया।
गौरक्षकों ने जनता से अपील किया है
यदि आप गायों को पल सकने में सक्षम नहीं हैं तो कृपया उन्हे मरने के लिए सड़क पर न छोड़े। साथ ही उन्होंने कहा की पालिका को भी गायों के लिए एक स्थान का चयन करना चाहिए जहां गाय बिना किसी खतरे के रह सकें।