दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ में नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NMDC) पर भारी भरकम जुर्माना लगाया गया है। राज्य के दंतेवाड़ा जिले के कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने NMDC के किरंदुल प्लांट पर 16 अरब 20 करोड़ 49 लाख 52 हजार 482 रुपए का जुर्माना ठोका है। इस जुर्माने की राशि को 15 दिनों के भीतर जमा करने का आदेश भी दिया गया है। जुर्माना छत्तीसगढ़ खनिज नियमों के उल्लंघन के आरोप में लगाया गया है, जिसमें NMDC पर स्वीकृत खनिपट्टों में अनियमितता का गंभीर आरोप है।
कलेक्टर ने संतोषजनक जवाब न मिलने पर लगाया जुर्माना
दंतेवाड़ा कलेक्टर की ओर से NMDC के अधिशासी निदेशक के नाम एक पत्र जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि NMDC लिमिटेड ग्राम किरंदुल, तहसील बड़े बचेली, जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा के विभिन्न खनिपट्टों में खनिज नियमों का उल्लंघन पाया गया है। इनमें डिपाजिट नंबर 14, एमएल रकबा 322.368 हेक्टेयर, डिपाजिट नं 14 एनएमजेड रकबा 506.742 हेक्टेयर, और डिपाजिट नं 11 रकबा 874.924 हेक्टेयर शामिल हैं। कलेक्टर ने बताया कि पहले 12 अगस्त 2024 को NMDC को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उसका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, जिसके चलते यह जुर्माना लगाया गया है।
NMDC का बचाव: जुर्माने को बताया अनुचित
NMDC ने इस जुर्माने के खिलाफ सफाई दी है। कंपनी का कहना है कि उन्होंने किसी भी प्रकार के खनिज नियमों का उल्लंघन नहीं किया है। NMDC की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि कंपनी भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से वैध खनन पट्टे और वन मंजूरी के साथ प्रचालन कर रही है। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को अग्रिम रॉयल्टी का भुगतान किया गया है और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ई-परमिट नंबर जेनरेट किए जा रहे हैं।
NMDC ने दावा किया कि बीआईओएम किरंदुल कॉम्प्लेक्स ने छत्तीसगढ़ खनिज नियम 2009 का कोई उल्लंघन नहीं किया है, और उनके द्वारा लौह अयस्क के कथित परिवहन के लिए बिना रेलवे ट्रांजिट पास (आरटीपी) के किसी भी प्रकार का उल्लंघन नहीं किया गया है। NMDC ने इस जुर्माने को तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार किए बिना लगाया गया निर्णय बताया और इसे पूरी तरह से अनुचित करार दिया।
क्या होगा अगला कदम?
इस मामले में जुर्माने की राशि जमा करने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। हालांकि, NMDC ने इस फैसले को अनुचित बताया है, जिससे संभावना है कि मामला कानूनी विवाद की ओर बढ़ सकता है। राज्य और केंद्रीय स्तर पर इस मुद्दे पर चर्चा और कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है, जिससे खनिज नियमों और औद्योगिक प्रथाओं पर गहन प्रभाव पड़ सकता है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और NMDC इस जुर्माने का सामना कैसे करती है। इस घटनाक्रम से खनन क्षेत्र में नए कानूनी और प्रशासनिक सवाल खड़े हो सकते हैं, जो कि भविष्य में इस क्षेत्र की नीतियों और नियमन पर व्यापक प्रभाव डाल सकते हैं।