राजनांदगांव, 9 जून: रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ऑपरेशन आहट के तहत 16 लड़कियों को रेस्क्यू कर स्थानीय सखी सेंटर को सुपुर्द किया। यह कार्रवाई उस समय की गई जब ये लड़कियां स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रही थीं और पूछताछ में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाईं।
घटना 8 जून की रात करीब 8.30 बजे की है, जब रेल सुरक्षा बल राजनांदगांव की महिला प्रभारी इंस्पेक्टर तरूणा साहू, शिफ्ट अधिकारी सउनि गिरिजा साहू, महिला आरक्षक ललिता, प्रआ आरएम मिसाल एवं आरक्षक प्रमोद यादव प्लेटफॉर्म पर नियमित चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने 16 लड़कियों को असहज स्थिति में एक साथ बैठा देखा और उनसे पूछताछ की। पूछताछ के दौरान कुछ लड़कियों ने तमिलनाडु तो कुछ ने बेंगलुरु जाने की बात कही, लेकिन उनके जवाब संतोषजनक नहीं थे और सभी अलग-अलग बातें कह रही थीं।
जांच में पता चला कि ये सभी लड़कियां कवर्धा जिले की विभिन्न पंचायतों से हैं और उनकी आयु 18 से 23 वर्ष के बीच है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आरपीएफ ने तुरंत उनके परिजनों से संपर्क किया। इस स्थिति की जानकारी महिला संरक्षण आयोग के अधिकारी चंद्रसेन लाडे को भी दी गई। चूंकि रात हो चुकी थी, परिजनों ने अगले दिन राजनांदगांव पहुंचने की बात कही।
लड़कियों के परिजनों के आने और वेरिफिकेशन, जांच और पतासाजी की प्रक्रिया पूरी होने तक लड़कियों को सुरक्षित और उचित देखरेख हेतु सखी सेंटर, राजनांदगांव को सुपुर्द कर दिया गया। यह कदम लड़कियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
आरपीएफ द्वारा इस तरह की त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि वे यात्रियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। इस मामले की जांच जारी है और संबंधित अधिकारियों द्वारा पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जा रही है।
सूत्र – lalluram.com