कबीरधाम। जिले में पुलिस ने बलवा और प्राणघातक हमले के मामले में फरार चल रहे आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव के निर्देशन में, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विकास कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल, और अनुविभागीय अधिकारी पंडरिया पंकज पटेल के मार्गदर्शन में की गई। गिरफ्तारी अभियान का नेतृत्व थाना प्रभारी महेश प्रधान और चौकी प्रभारी विमल लावनिया ने किया।
मामला 29 जुलाई 2024 का है। खूंटा गांव की रहने वाली कुशी बाई, पति लखन भास्कर के साथ अपने खेत की सीमा पर फसल लगाने के विवाद को लेकर चौकी दामापुर में शिकायत दर्ज कराने आई थी। शिकायत दर्ज करवाने के बाद, वह अपने पति और बेटे धर्मेंद्र के साथ घर लौट रही थी। जब वे गांव के जयस्तंभ चौक के पास पहुंचे, तो गांव के कुछ लोग, जिनमें ईश्वर भास्कर, परमेश्वर भास्कर, जगेश्वर भास्कर, सियाराम भास्कर, श्री लाल भास्कर, और राजू भास्कर शामिल थे, ने उन्हें रास्ते में रोक लिया।
आरोपियों ने अश्लील गालियां देते हुए कहा, “तुम लोग हमारे खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराए हो,” और फिर हाथ, मुक्के और डंडों से हमला कर दिया। इस हमले में कुशी बाई और उनके परिवार के सदस्य घायल हो गए। कुशी बाई की शिकायत पर चौकी दामापुर थाना कुंडा में आरोपियों के खिलाफ धारा 296, 109, 191(2) बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज किया गया।
पुलिस की कार्रवाई:
घटना के बाद से सभी आरोपी फरार चल रहे थे। पुलिस टीम ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी और उनकी खोज जारी रखी। वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई। आखिरकार, 28 अगस्त 2024 को पुलिस को आरोपियों के ठिकाने का पता चला। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और चौकी लेकर आई।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में ईश्वर भास्कर, परमेश्वर भास्कर, जगेश्वर भास्कर, श्री लाल भास्कर, सियाराम भास्कर और राजू भास्कर शामिल हैं। सभी को न्यायिक रिमांड के लिए 28 अगस्त 2024 को अदालत में पेश किया गया।
पुलिस टीम का योगदान:
इस कार्रवाई में उपनिरीक्षक विमल लावनिया, सहायक उपनिरीक्षक निर्मल सिंह, प्रधान आरक्षक बलदाऊ चंद्रवंशी, आरक्षक रघुनंदन चंद्रवंशी, शिवा भार्गव, दिलीप लहरे, नंदलाल, सेवक साहू, सत्रुहन, महेंद्र कुर्रे और महिला आरक्षक दुर्गा लहरे ने सराहनीय योगदान दिया। पुलिस टीम की तत्परता और सूझबूझ के कारण फरार आरोपियों को समय पर गिरफ्तार किया जा सका, जिससे न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।