कबीरधाम। ग्राम चरखुरा, थाना पांडातराई के अंतर्गत आदिवासी समाज के धार्मिक स्थल पेनठाना को 29 अगस्त 2024 को जेसीबी बुलडोजर के माध्यम से क्षतिग्रस्त करनें के मामले ने पूरे क्षेत्र में भारी तनाव का माहौल पैदा कर दिया। घटना स्थल, खसरा क्रमांक 572 पर स्थित पेनठाना, जो आदिवासी समाज की आस्था का प्रतीक है, को जानबूझकर क्षतिग्रस्त किए जाने से ग्रामवासियों में भारी आक्रोश फैल गया।
ग्राम चरखुरा के आदिवासी समाज के लोगों ने, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, इस घटना के विरोध में पांडातराई थाने के सामने शाम 4 बजे से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि दोषी व्यक्तियों को तुरंत गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। हालांकि, घटना के करीब 5 घंटे बाद भी पुलिस प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई न किए जाने से प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और बढ़ गया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी जिला अध्यक्ष सुखनंदन धुर्वे और युवा प्रभाग के जिलाध्यक्ष एस. धुर्वे ने मामले को संज्ञान में लिया और रात करीब 10 बजे पांडातराई थाने पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उस समय थाने में तहसीलदार, जनपद पंचायत सीईओ और कई जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
आदिवासी समाज के नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होती और न्याय की प्रक्रिया शुरू नहीं होती, वे धरना समाप्त नहीं करेंगे। पुलिस प्रशासन की ओर से कई बार कार्रवाई का आश्वासन दिया गया, लेकिन कोई ठोस कदम उठाने में प्रशासन असमर्थ नजर आया।
आखिरकार, पुलिस को दोषी वाहन चालक और जेसीबी बुलडोजर को थाने में लाया। जांच में पता चला कि इस मशीन का मालिक श्यामलाल गुप्ता, पिता रतन लाल गुप्ता है, जिसने अपने ड्राइवर के माध्यम से इस घटना को अंजाम दिया था।
आदिवासी समाज के प्रमुखों ने प्रशासन को कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि धार्मिक स्थल को क्षतिग्रस्त करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए बिना वे पीछे नहीं हटेंगे। बढ़ते दबाव के चलते, स्थानीय प्रशासन ने आदिवासी समाज को आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, धार्मिक स्थल का पुनरुद्धार भी करवाया जाएगा और जमीन के अधिकार पत्रक के लिए उच्च कार्यालय को विधिसंगत दस्तावेज भेजे जाएंगे।
इस आश्वासन के बाद ही मामला शांत हुआ। हालांकि, यह घटना समाज में गहरे घाव छोड़ गई है और यह सवाल उठाती है कि धार्मिक स्थलों पर हमले जैसी घटनाओं का उद्देश्य क्या है? यह साफ है कि इस तरह की घटनाएं न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करती हैं, बल्कि समाज में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का भी प्रयास करती हैं।
प्रशासन को इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने और दोषियों को सख्त सजा देने के लिए सजग और तत्पर रहना चाहिए। समाज के सभी वर्गों के धार्मिक स्थलों का सम्मान बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके और समाज में शांति और भाईचारा कायम रहे।