रायपुर, 4 अक्टूबर: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर-दंतेवाड़ा सीमा पर हुए पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं। इस सफल ऑपरेशन के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सीएम हाउस में एक हाई लेवल बैठक बुलाई है। इस बैठक में राज्य पुलिस और सुरक्षा बलों के उच्च अधिकारी शामिल होंगे और इस एनकाउंटर पर चर्चा करेंगे।
कैसे चला ऑपरेशन:
जानकारी के अनुसार, यह मुठभेड़ नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिलों के नेंदूर और थुलथुली गांव के घने जंगलों में हो रही है। 3 अक्टूबर को डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) और एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की संयुक्त टीम ने नारायणपुर और दंतेवाड़ा के थाना ओर्चा और बारसूर क्षेत्र के गांव गोवेल, नेंदूर और थुलथुली में सर्च अभियान शुरू किया था। इस ऑपरेशन के दौरान, 4 अक्टूबर को दोपहर करीब 12:30 से 1:00 बजे के बीच पुलिस बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई।
मुठभेड़ में 30 से अधिक नक्सली मारे गए हैं, जबकि मौके से सुरक्षा बलों ने बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए हैं, जिनमें AK-47 और SLR शामिल हैं। मुठभेड़ के बाद से सुरक्षा बलों का सर्च अभियान अभी भी जारी है और पूरे इलाके में सतर्कता बढ़ा दी गई है।
मुख्यमंत्री का बयान:
जवानों की इस महत्वपूर्ण सफलता पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जवानों को बधाई दी और कहा कि “हमारे जवानों ने 28 नक्सलियों को मार गिराया है। नक्सलवाद अब अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है और यह निश्चित रूप से राज्य से समाप्त होने की कगार पर है। यह ऑपरेशन हमारी सुरक्षा बलों की बहादुरी और समर्पण का परिणाम है।”
सीएम साय ने कहा कि राज्य में माओवादियों से लगातार अपील की जा रही है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हों। “अब डबल इंजन की सरकार के चलते, हम नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं और इस दिशा में निरंतर प्रगति हो रही है।”
केंद्र और राज्य सरकार का साझा प्रयास:
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले 9 महीनों में दो बार राज्य का दौरा किया है और उन्होंने नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में अपना समर्थन जताया है। उनका लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाए। सीएम साय ने कहा, “हमारे जवान गृह मंत्री के सोच के अनुरूप बहादुरी से नक्सलियों का सामना कर रहे हैं और इस खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
सुरक्षा बलों की अहम भूमिका:
इस ऑपरेशन ने यह साफ कर दिया है कि राज्य में सुरक्षा बल नक्सलवाद से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और माओवादी गतिविधियों को कुचलने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। सुरक्षा बलों की इस सफलता ने न केवल राज्य में शांति की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जनता के मनोबल को भी बढ़ाया है।