कवर्धा। गोधरा कांड पर आधारित फिल्म *”द साबरमती रिपोर्ट”* इन दिनों देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। छत्तीसगढ़ में इस फिल्म को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने टैक्स फ्री कर दिया है। यह फिल्म 2002 में गुजरात के गोधरा में हुए साबरमती एक्सप्रेस अग्निकांड की सच्चाई को उजागर करती है और इसमें पत्रकारों की अहम भूमिका को दिखाया गया है।
मंगलवार को भाजपा नेता नरेश साहू, जो सांसद प्रतिनिधि एवं भाजपा जिला झुग्गी-झोपड़ी प्रकोष्ठ के संयोजक हैं, ने कवर्धा के सिद्धि विनायक प्लाजा सिनेमा में जिले के प्रमुख पत्रकारों के साथ यह फिल्म देखी। फिल्म में दिखाए गए घटनाक्रम और पत्रकारों की भूमिका को लेकर पत्रकारों और दर्शकों ने इसकी सराहना की।
पत्रकारों की भूमिका को सराहा
फिल्म देखने के बाद भाजपा नेता नरेश साहू ने कहा कि यह फिल्म गोधरा कांड की सच्चाई को सामने लाने में पत्रकारों की भूमिका को बखूबी दिखाती है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से साबरमती एक्सप्रेस में अयोध्या से लौट रहे कारसेवकों को सोची-समझी साजिश के तहत जिंदा जलाया गया था, वह घटना देश में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का एक निंदनीय प्रयास था। पत्रकारों ने इस साजिश का पर्दाफाश कर समाज के सामने सच्चाई लाने का काम किया, जिसे इस फिल्म के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।
गोधरा कांड की सच्चाई पर आधारित फिल्म
उन्होंने आगे कहा कि *”द साबरमती रिपोर्ट”* एक महत्वपूर्ण फिल्म है, जो गोधरा कांड की सच्चाई को उजागर करती है। यह फिल्म न केवल इतिहास की सच्चाई बताती है, बल्कि दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है कि किस तरह एक सुनियोजित साजिश के तहत इस कांड को अंजाम दिया गया। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस फिल्म को जरूर देखें और इस घटना की वास्तविकता को जानें।
पत्रकारों की सराहना
फिल्म देखने के बाद पत्रकारों ने भी इसे एक उत्कृष्ट प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि यह फिल्म पत्रकारिता के महत्व को दर्शाती है और सच्चाई के लिए पत्रकारों के संघर्ष को उजागर करती है। सभी ने मिलकर सच और निष्पक्ष पत्रकारिता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
फिल्म देखने पहुंचे पत्रकारों की उपस्थिति
फिल्म देखने के लिए कवर्धा के प्रमुख पत्रकार उपस्थित रहे। इनमें सतीश तंबोली, प्रदीप गुप्ता, वेदांत शर्मा, संतोष भारद्वाज, वेद साहू, रवि ग्वाल, सतीश पात्रे, उत्तम चंद्रवंशी, पुष्पराज ठाकुर, राहुल सोनकर, श्रवण यादव सहित कई अन्य पत्रकार शामिल हुए।
“द साबरमती रिपोर्ट” जैसी फिल्में न केवल इतिहास की सच्चाई बताने का काम करती हैं, बल्कि समाज को जागरूक करने और सच्चाई के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा भी देती हैं।