बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शनिवार को दो महत्वपूर्ण मामलों को तीन जजों की फुल बेंच में सुनने का निर्णय लिया है। इन मामलों में एक औद्योगिक संस्थानों से निकाले गए कर्मचारियों से संबंधित है, जबकि दूसरा राज्य सरकार द्वारा नौकरियों की आयु सीमा में 5 साल की छूट देने का मामला है।
फुल बेंच, जिसमें चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा, जस्टिस संजय के. अग्रवाल, और जस्टिस नरेंद्र व्यास शामिल हैं, ने इन दोनों मामलों में सुनवाई की। औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 25 के तहत, किसी संस्थान से निकाले गए कर्मचारी को पुनः सेवा में लेने तथा क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान है। इस अधिनियम के तहत दायर विभिन्न याचिकाओं में हाईकोर्ट ने अब तक भिन्न-भिन्न आदेश दिए हैं। इन आदेशों में असंगति को दूर करने और एक समान निर्णय देने के उद्देश्य से अब हाईकोर्ट की फुल बेंच द्वारा इस मामले की सुनवाई की जाएगी। इस मामले की अंतिम सुनवाई 9 जुलाई को रखी गई है।
दूसरा मामला राज्य सरकार द्वारा नौकरियों में आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट देने से संबंधित है। राज्य सरकार ने हाल ही में यह घोषणा की थी कि नौकरी के आवेदन के लिए आयु सीमा में 5 साल की छूट दी जाएगी। फुल बेंच ने राज्य सरकार से इस निर्णय के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी है और यह जानना चाहा है कि नए नियम क्या हैं और इन्हें किस प्रकार लागू किया जाएगा। इस मामले की अंतिम सुनवाई 5 जुलाई को निर्धारित की गई है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि इन दोनों मामलों का राज्य के कर्मचारियों और युवाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, इसलिए इन पर एक संतुलित और न्यायसंगत निर्णय लिया जाना आवश्यक है।
इन दोनों महत्वपूर्ण मामलों पर हाईकोर्ट के निर्णय का पूरे राज्य पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। न्यायालय के इस निर्णय की प्रतीक्षा में कई कर्मचारी और नौकरी के इच्छुक युवा हैं। आने वाले समय में इन मामलों पर होने वाली सुनवाई और अंतिम निर्णय राज्य के औद्योगिक और रोजगार परिदृश्य को नई दिशा देंगे।