छत्तीसगढ़: पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में बड़ी सफलता, 36 नक्सलियों का खात्मा ?

Harsh Dongre
Harsh Dongre - Editor Kanker 47 Views
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नारायणपुर। छत्तीसगढ़ में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को ऐतिहासिक सफलता मिली है। जानकारी के अनुसार, इस मुठभेड़ में 36 नक्सलियों को मार गिराया गया है, जो राज्य में अब तक का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन माना जा रहा है।

मुठभेड़ का यह मामला नारायणपुर और दंतेवाड़ा के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित नेंदूर और थुलथुली गांव के जंगलों में हुआ। पुलिस की विशेष बल (DRG और STF) की संयुक्त टीम ने 3 अक्टूबर को सर्च अभियान शुरू किया था। आज, 4 अक्टूबर को दोपहर लगभग 12:30 से 1:00 बजे के बीच सुरक्षाबलों और माओवादी समूह के बीच मुठभेड़ शुरू हुई, जिसमें प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार 30 से अधिक नक्सलियों की मौत हुई।

सुरक्षा बलों की कार्रवाई

मुठभेड़ स्थल से AK-47, SLR जैसे आधुनिक हथियार और कई अन्य सामग्री बरामद की गई है। एएसपी दंतेवाड़ा, आर. के वर्मा ने मुठभेड़ में नक्सलियों की संख्या की पुष्टि की है। वर्तमान में सुरक्षा बलों द्वारा क्षेत्र में सर्च अभियान जारी है, जिससे और नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

मुख्यमंत्री का समर्थन

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस सफल ऑपरेशन पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में 14 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। जवानों को मिली यह बड़ी कामयाबी सराहनीय है। उनके साहस को नमन करता हूँ।”

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार नक्सलवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को अंत तक जारी रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने प्रदेश से नक्सलवाद के खात्मे को सरकार का प्रमुख लक्ष्य बताया है।

नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष

यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लम्बी लड़ाई का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। राज्य सरकार द्वारा नक्सलवाद के खिलाफ उठाए गए कदम और सुरक्षाबलों की कुशलता इस बात का प्रमाण है कि सरकार नक्सलवाद के खात्मे के लिए गंभीर है।

निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ यह सफल ऑपरेशन सुरक्षा बलों की रणनीति और समर्पण को दर्शाता है। यह मुठभेड़ न केवल राज्य में सुरक्षा स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि नक्सलवाद के खिलाफ स्थानीय समुदायों में विश्वास भी बढ़ाएगी। सुरक्षा बलों की यह सफलता निश्चित रूप से नक्सलवाद के खिलाफ जारी संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

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