रायपुर: उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने आज अपने निवास कार्यालय में भोरमदेव मंदिर के जीर्णोद्धार और विकास के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के अधिकारियों, कबीरधाम जिले के गणमान्य नागरिकों और मंदिर के पुजारियों ने हिस्सा लिया। बैठक का उद्देश्य भोरमदेव महोत्सव से पहले मंदिर परिसर में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं को बढ़ाने पर विचार करना था।
मंदिर के रखरखाव और विकास पर विशेष जोर
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि बरसात के दिनों में मंदिर में हो रहे पानी के रिसाव की समस्या को तुरंत दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि मंदिर के इतिहास को संरक्षित करने के लिए वीडियो डॉक्यूमेंटेशन बनवाया जाए ताकि श्रद्धालु इस प्राचीन धरोहर के इतिहास से परिचित हो सकें। इसके अलावा, थ्री डी डिजाइन और लिडार सर्वे करवाने के भी निर्देश दिए गए, जिससे मंदिर के संरक्षण और विकास के कार्यों को आधुनिक तकनीक के साथ अंजाम दिया जा सके।
भोरमदेव महोत्सव से पहले निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश
श्री शर्मा ने अधिकारियों से कहा कि भोरमदेव महोत्सव से पहले मंदिर परिसर में चल रहे सभी निर्माण कार्यों और ट्रीटमेंट को पूरा किया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए शेड का निर्माण, चौकीदार क्वाटर को मंदिर के पास से अन्यत्र शिफ्ट करना, और मंदिर के पीछे वीआईपी रूम का निर्माण जल्द से जल्द किया जाए।
मंदिर परिसर के विकास के विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा
बैठक में मंदिर परिसर के विकास से जुड़े कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई। इनमें मंदिर के पीछे और वीआईपी रूम के बीच की दीवार को हटाकर ग्रील और गेट लगाने, भैरव मंदिर, चामुंडा माता मंदिर और हनुमान मंदिर आदि के पारंपरिक स्वरूप को बरकरार रखने के निर्देश शामिल थे। साथ ही, वन विभाग के माध्यम से पेड़ों के रखरखाव पर भी विचार किया गया।
मंदिर के बाहरी हिस्से के सौंदर्यीकरण की योजना
मंदिर के बाहरी हिस्से को आकर्षक बनाने के लिए पर्यटन विभाग के अंतर्गत प्रसाद योजना के तहत कई प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए। इनमें रोड का चौड़ीकरण, मेन गेट के बाहर पार्किंग की व्यवस्था, ई-रिक्शा का संचालन, तालाब का सौंदर्यीकरण, और बाउंड्रीवाल के चारों ओर शिव कथाओं से संबंधित भित्ति चित्र बनवाने का प्रस्ताव शामिल है।
भोरमदेव मंदिर से जुड़े अन्य विकास कार्य
बैठक में भोरमदेव मंदिर से छेड़की महल-मड़वा महल तक पक्की सड़क के निर्माण, मंदिर परिसर में सोलर लाइट्स और सीसीटीवी कैमरे लगाने, ड्रेनेज सिस्टम में सुधार, और फ्लोरिंग के स्थान पर सेंड स्टोन लगाने पर भी चर्चा हुई। चूंकि यह क्षेत्र पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आता है, इसलिए सभी कार्य पुरातत्व विभाग की अनुमति से ही किए जाएंगे।
बैठक में संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य, सहायक अभियंता श्री चेतन मनहरे, उप अभियंता श्री दिलीप साहू, कबीरधाम क्षेत्र के श्री आदित्य श्रीवास, अजय चंद्रवंशी, आशीष पाठक, अमित वर्मा, दुर्गेश दुबे और खोरु सिंह उपस्थित थे।