दुर्ग : भिलाई के नेहरू नगर में पहले संचालित बीएसआर हॉस्पिटल के संचालक और जाने-माने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एमके खंडूजा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उन्हें कोलकाता से गिरफ्तार किया और अब दुर्ग लेकर पहुंची है। डॉ. खंडूजा पर आरोप है कि उन्होंने शहर के लोगों से लगभग 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है और पिछले पांच साल से फरार थे।
डॉ. खंडूजा के खिलाफ सुपेला थाने की स्मृति नगर चौकी में धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि वह कोलकाता में छिपे हुए हैं। इस पर दुर्ग के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला के निर्देशन में उप निरीक्षक वरुण देवता और प्रधान आरक्षक जसपाल सिंह के नेतृत्व में एक टीम को कोलकाता भेजा गया। पुलिस टीम ने कोलकाता में जाकर डॉ. खंडूजा को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें दुर्ग लाया गया।
पुलिस के अनुसार, डॉ. खंडूजा ने शहर के कई प्रमुख लोगों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की है। वह पहले भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) में डॉक्टर थे, लेकिन वहां से नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने अपना खुद का बीएसआर हॉस्पिटल शुरू किया। हॉस्पिटल मैनेजमेंट में गड़बड़ियों के चलते उन पर कर्ज बढ़ता गया, जिससे अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ का वेतन रुक गया। इसके अलावा, उनके ऊपर बैंक का बड़ा लोन भी था।
बैंक का लोन चुकाने के लिए उन्होंने शहर के प्रतिष्ठित लोगों से पैसे लिए, लेकिन बाद में हॉस्पिटल को मनोज अग्रवाल, आशीष मित्तल और सुमन मित्तल को बेच दिया। इस पैसे से उन्होंने बैंक का लोन चुकाया और उसके बाद भिलाई छोड़कर फरार हो गए।
डॉ. खंडूजा का परिवार अभी भी भिलाई में ही रह रहा है। उनके बेटे रोहितास खंडूजा और पत्नी हॉस्पिटल के डायरेक्टर थे, जो अब भी यहीं रह रहे हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और उम्मीद है कि और भी जानकारी सामने आ सकती है।
यह गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि पांच साल से डॉ. खंडूजा पुलिस की पकड़ से बाहर थे। उनके खिलाफ कई पीड़ितों ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई डॉ. खंडूजा के झांसे में आकर खो दी थी।