कवर्धा। गर्मियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, और ऐसे समय में जब विभिन्न समाजसेवी संस्थाएं प्यासे राहगीरों को राहत देने के लिए प्याऊ घर खोल रही हैं, कृषि उपज मंडी प्रशासन की लापरवाही ने दुकानदारों और ग्राहकों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने पर मजबूर कर दिया है।
मंडी प्रशासन द्वारा बनाए गए कॉम्प्लेक्स में दुकानदारों को दुकानें आवंटित की गई थीं, जिसके बाद उनकी मांग पर पेयजल आपूर्ति के लिए नल की व्यवस्था की गई थी। लेकिन पिछले चार महीनों से यह नल बंद पड़ा है, जिससे न केवल दुकानदार बल्कि रोज़ाना सैकड़ों ग्राहक और राहगीर भी परेशान हो रहे हैं।
पहले भी उठ चुकी है पानी आपूर्ति बहाल करने की मांग
दुकानदारों ने पहले भी मंडी प्रशासन को पत्र लिखकर पेयजल आपूर्ति सुचारु करने और निस्तारी हेतु बाथरूम के निर्माण की मांग की थी। हालांकि, हर महीने टैक्स वसूलने वाले मंडी प्रशासन ने इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान देना उचित नहीं समझा।
बार बार हो रहा पाइप जाम, जानबूझकर बाधित की गई जल आपूर्ति
सूत्रों के अनुसार, जब मंडी परिसर में नल कनेक्शन का निरीक्षण किया गया, तो पाइप में जानबूझकर M-Seal लगाकर पानी की आपूर्ति बाधित करने की साजिश सामने आई। प्रशासन द्वारा इस गड़बड़ी को ठीक करने के दो दिन बाद ही दोबारा पानी बंद कर दिया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि जल संकट किसी तकनीकी खराबी के बजाय सुनियोजित लापरवाही का नतीजा है।
ऑटो से खरीदना पड़ रहा है पानी, आर्थिक व मानसिक नुकसान
स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि दुकानदारों को अपनी आवश्यकताओं के लिए ऑटो से पानी मंगवाना पड़ रहा है। यहां तक कि पशुओं के लिए भी पानी की व्यवस्था ऑटो से करनी पड़ रही है, जिससे दुकानदारों को आर्थिक और मानसिक क्षति झेलनी पड़ रही है।
मंडी प्रशासन की इस लापरवाही से तंग आ चुके दुकानदार अब जल्द ही डिप्टी सीएम और स्थानीय विधायक से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस कदम के बाद प्रशासन की नींद खुलेगी और समस्या का समाधान होगा।