कवर्धा, 14 अगस्त 2024: रामकृष्ण विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित देशभक्ति गीतों के कार्यक्रम में देशभक्ति की भावना से सराबोर विद्यार्थियों और शिक्षकगणों ने पूरे विद्यालय परिसर को उत्साह और ऊर्जा से भर दिया। सोमवार को विद्यालय के चार सदनों – संस्कार, रीति, परंपरा और संस्कृति – के जूनियर और सीनियर वर्ग के छात्रों ने देशभक्ति से ओत-प्रोत समूह गायन प्रतियोगिता में भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत संस्था के डायरेक्टर डॉ. आदित्य चन्द्रवंशी, प्राचार्या श्रीमती एम. शारदा, और छात्रसंघ अध्यक्ष द्वारा देशभक्तों के तैल चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इसके बाद जूनियर वर्ग (कक्षा 6 से 8) के छात्रों ने अपने जोशीले प्रदर्शन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। “छोड़ो कल की बातें” और “ताकत वतन की तुमसे है” जैसे गीतों ने कार्यक्रम में जोश भर दिया, वहीं “जहाँ डाल-डाल पर सोने की” गीत ने भारत के गौरव का गान किया। “ऐ मेरे प्यारे वतन” गीत की भावपूर्ण प्रस्तुति ने सबकी आँखें नम कर दीं।
कार्यक्रम की दूसरी कड़ी में सीनियर वर्ग (कक्षा 9 से 12) के छात्रों ने “ये देश है वीर जवानों का”, “कर चले हम फिदा”, “मेरा कर्मा तू” और “ऐ मेरे वतन के लोगों” जैसे कर्णप्रिय और देशभक्ति से ओत-प्रोत गीत प्रस्तुत किए। उनकी भावनात्मक और जोशीली प्रस्तुतियों ने पूरे वातावरण को देशभक्ति के रंग में रंग दिया।
कार्यक्रम के निर्णायक मंडल में श्री अविनाश चौहान, श्री अनिल चन्द्रवंशी और श्री दीपक सोनी सम्मिलित थे। परिणामों की घोषणा में जूनियर वर्ग में संस्कृति हाउस ने प्रथम स्थान, परंपरा हाउस ने द्वितीय स्थान, और रीति हाउस ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सीनियर वर्ग में संस्कृति हाउस प्रथम स्थान पर, संस्कार हाउस द्वितीय स्थान पर, और परंपरा हाउस तृतीय स्थान पर रहे।
इसके अलावा, प्री-प्राइमरी और प्राइमरी वर्ग के बच्चों ने भी इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। नन्हें-मुन्ने बच्चों ने “नन्हा-मुन्ना राही हूँ” और “कर चले हम फिदा” जैसे देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने पूरे जोश और उत्साह के साथ भाग लिया। कक्षा 1 और 2 के बच्चों के वर्ग में परंपरा हाउस प्रथम, संस्कृति हाउस द्वितीय और रीति हाउस तृतीय स्थान पर रहे। कक्षा 3 से 5 के वर्ग में परंपरा हाउस ने प्रथम, संस्कृति हाउस ने द्वितीय और रीति हाउस ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
समारोह के अंत में, सभी विजयी प्रतिभागियों को आकर्षक प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस पूरे कार्यक्रम ने न केवल बच्चों में देशभक्ति की भावना को जाग्रत किया, बल्कि उन्हें अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ने का भी अवसर दिया।