कोरबा (छत्तीसगढ़) – हाल के दिनों में छत्तीसगढ़ के तीन जिलों – बिलासपुर, मुंगेली और अब कोरबा – में लोमड़ी के हमलों से दहशत फैल गई है। दर्री थाना क्षेत्र के राजीव नगर में एक युवक पर लोमड़ी ने हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। तीन जिलों में अब तक लोमड़ी के हमलों से 17 लोग घायल हो चुके हैं, जिससे क्षेत्र के निवासियों में डर का माहौल है।
घटना का विवरण
राजीव नगर निवासी मनोज मतवारे (35) अपने घर के बाहर स्थित नर्सरी में काम कर रहे थे, तभी अचानक एक लोमड़ी ने उन पर हमला कर दिया। इस दौरान करीब 10 मिनट तक मनोज और लोमड़ी के बीच संघर्ष चला। मनोज की चीख सुनकर आस-पास के कुछ युवकों ने उन्हें बचाया, लेकिन इस हमले में उनके चेहरे और हाथ पर गंभीर चोटें आईं। लोमड़ी ने उनकी नाक का हिस्सा भी नोच लिया। गंभीर स्थिति में मनोज को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।लोमड़ी का लगातार हमला:
तीन जिलों में 17 लोग घायल
यह पहली घटना नहीं है। पिछले कुछ दिनों से जंगलों से निकलकर लोमड़ी बस्तियों की नर्सरी और खेतों में विचरण कर रही हैं, जिससे लोगों में दहशत बढ़ गई है। इससे पहले बिलासपुर और मुंगेली जिलों में भी लोमड़ी के हमलों से 16 लोग घायल हो चुके हैं। कोरबा में मनोज पर हुआ हमला 17वां मामला है, जिससे साफ है कि लोमड़ी का आतंक फैलता जा रहा है।
वन विभाग की उदासीनती
इन हमलों के बावजूद वन विभाग अब तक इस गंभीर स्थिति पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सका है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण इन हमलों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग द्वारा अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है, जिससे स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है।
ग्रामीणों की सुरक्षा पर सवाल
इन घटनाओं के बाद ग्रामीण अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। नर्सरी और खेतों में काम करने वाले लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से तत्काल प्रभाव से सुरक्षा इंतजाम और लोमड़ी को पकड़ने के लिए कदम उठाने की मांग की है, ताकि इस आतंक से निजात मिल सके।
निष्कर्ष: इस स्थिति में वन विभाग की सक्रियता अत्यंत आवश्यक है। ग्रामीण क्षेत्रों में पशु हमलों की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय हैं और इसके लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि ग्रामीण सुरक्षित रहें और किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि से बचा जा सके।