कवर्धा। कवर्धा जिले के जनपद पंचायत बोडला के बाबू नरेंद्र राउतकर को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने 1.20 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह रिश्वत आंगनबाड़ी निर्माण के लिए सरपंच पति मोती राम बैगा से मांगी गई थी। शिकायत मिलने पर ACB की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दो वाहनों में पहुंचकर राउतकर को धर दबोचा। इसके साथ ही, ACB की टीम जनपद पंचायत के सीईओ के बंगले पर भी छापा मारने के लिए रवाना हुई है।
नरेंद्र राउतकर पिछले 32 वर्षों से जनपद पंचायत बोडला में कार्यरत हैं। उनकी वेतन शुरुआत मात्र 1500 रुपये से हुई थी, जो अब 25 से 40 हजार रुपये तक हो गई है। बावजूद इसके, राउतकर पर करोड़ों रुपये की संपत्ति अवैध तरीके से बनाने का आरोप है। सुनील केशरवानी, जिलाध्यक्ष जेसीसीजे कबीरधाम, ने आरोप लगाया कि राउतकर ने आदिवासी जमीनों को अपने रिश्तेदारों और गैर-आदिवासियों के नाम पर हस्तांतरित किया है। सरपंच पति मोती राम बैगा ने यह भी आरोप लगाया कि इससे पहले स्कूल बाउंड्री वॉल निर्माण के लिए राउतकर ने उनसे 1 लाख रुपये रिश्वत ली थी।

सुनील केशरवानी ने कहा कि राउतकर के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राउतकर पर 5 फर्जी नियुक्तियों के मामले में दोषी पाए जाने के बावजूद उस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई थी। इसके विपरीत, उसे उसी विभाग में बाबू बनाकर इनाम दिया गया। अब, ACB द्वारा रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद उम्मीद की जा रही है कि राउतकर का अगला ठिकाना जेल की कोठरी होगी, न कि जनपद पंचायत बोडला का कार्यालय।
इससे पहले, महासमुंद जिले के सरायपाली रजिस्ट्रार ऑफिस में भी ACB की 11 सदस्यीय टीम ने छापा मारकर उप पंजीयक पुष्पलता लिली बेग को 26 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। ACB की इन ताबड़तोड़ कार्रवाईयों ने सरकारी अधिकारियों में हड़कंप मचा दिया है, और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।