रायपुर। राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रो में नक्सलियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। हालांकि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आने के बाद से ही नक्सली बौखलाए हुए हैं। आए दिन आगजनी और जवानों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में नक्सली कुछ न कुछ हटकंडे अपनाते रहते हैं। वहीं इन्हें रोकने और इनके आतंक को समाप्त करने के लिए लगातार शासन प्रशासन काम कर रही है।
इसी कड़ी में कुछ ही दिन पहले उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों से वार्ता के लिए बात रखी थी। जिसके बाद नक्सलियों का जवाब सामने आया है। नक्सलियों ने वार्ता के प्रस्ताव को बेईमानी दमन व धोखा बताया है। नक्सलियों की दण्डकारण्य स्पेशल ज़ोनल कमेटी ने खुले तौर पर वार्ता के लिए हामी भरी है। परंतु सरकार के सामने वार्ता के लिए कुछ मांगे और शर्तें भी रखी हैं।
नक्सलियों ने सरकार के सामने रखी हैं ये मांगे
नक्सलियों ने वार्ता के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने की माँग की है। नक्सली नेता ने कहा कि मुठभेड़ों व क्रॉस फ़ायरिंग के नाम से झुठी मुठभेड़ों में आदिवासियों की हत्याएं बंद हो, तमाम सशस्त्र बलों को 6 माह के लिए बैरकों थाना व कैम्पों तक सीमित किया जाए, नए कैम्प स्थापित करना बंद किया जाए व राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए। (नक्सलियों द्वारा की गई मांग।)
नक्सली नेता ने कहा कि यदी वार्ता के लिए सरकार तैयार है तो इन मांगों या शर्तों को स्वीकार करें, इसके बाद हम सीधी या मोबाइल से वर्चुअल वार्ता के लिए आगे आएँगे। नक्सलियों की दण्डकारण्य स्पेशल ज़ोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने जारी किया है।
नक्सलियों की इस मांग के बाद देखना ये होगा कि क्या सरकार नक्सलियों की इन मांगों को स्वीकार करेगी ? यदि सरकार उनकी मांगे मान भी ले तो क्या नक्सली अपना आतंक रोक या कम कर देंगे ?