कबीरधाम। वनमंडल कवर्धा अंतर्गत सहसपुर लोहारा वन परिक्षेत्र में अवैध शिकार के मामले का बड़ा खुलासा हुआ है। वन विभाग की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जिला जेल कवर्धा भेज दिया है। वहीं, चौथे आरोपी की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं।
वनमंडलाधिकारी श्री शशि कुमार के निर्देशन और उप वनमंडलाधिकारी स.लोहारा श्री अनिल साहू एवं भोरमदेव अभ्यारण्य कवर्धा के अधीक्षक श्री अंकित पाण्डेय के मार्गदर्शन में गठित जांच समिति ने यह कार्रवाई की। जांच टीम में परिक्षेत्र अधिकारी श्री अनुराग वर्मा, परिक्षेत्र सहायक श्री मोतीलाल रात्रे और परिसर रक्षक श्री खेमचंद बरैया शामिल थे।
गुप्त सूचना के आधार पर की गई कार्यवाही
वनमंडलाधिकारी कवर्धा से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम मोहनपुर निवासी प्रताप वल्द मेहतर नेताम के घर पर गुप्त सूचना के आधार पर सर्च वारंट जारी कर जांच टीम ने दबिश दी। तलाशी के दौरान घर के अंदर से जंगली जानवर (नीलगाय) का मांस, जबड़े के टुकड़े, मांस काटने के लिए उपयोग किए गए औजार और अन्य सामग्री बरामद की गई। पूछताछ में प्रताप ने बताया कि उसने अपने साथियों मुंशी वल्द जनार्दन यादव, अनिल वल्द गोकर्ण नेताम और विश्वनाथ वल्द महावीर के साथ मिलकर वन परिक्षेत्र सहसपुर लोहारा के मोहनपुर परिसर के जंगल (कक्ष क्रमांक पी.एफ. 258) में करंट तार बिछाकर नीलगाय का शिकार किया। इसके बाद टांगी और पेन्सूल की मदद से जानवर को काटकर छोटे-छोटे टुकड़े कर मांस आपस में बांटा।
शिकार में प्रयुक्त सामग्री बरामद
आरोपियों की निशानदेही पर जांच टीम ने जंगल के भीतर उन स्थानों की पहचान की, जहां करंट तार बिछाए गए थे। टीम ने वह स्थान भी चिन्हित किया, जहां जानवर को काटा गया और मांस को आपस में बांटा गया। तलाशी के दौरान शिकार में प्रयुक्त टांगी अनिल के घर से और करंट तार जंगल से बरामद किए गए।
वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
संरक्षित वन क्षेत्र में करंट तार बिछाकर शिकार करने के अपराध में आरोपियों के विरुद्ध वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत पी.ओ.आर क्रमांक 20735/14 दिनांक 17.12.2024 को मामला दर्ज किया गया। आरोपियों प्रताप वल्द मेहतर नेताम, मुंशी वल्द जनार्दन यादव और अनिल वल्द गोकर्ण नेताम को 19.12.2024 को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जिला जेल कवर्धा भेज दिया गया।
चौथे आरोपी की तलाश जारी
घटनास्थल से फरार एक अन्य आरोपी, विश्वनाथ वल्द महावीर, की गिरफ्तारी अभी शेष है। वन विभाग की टीम उसकी तलाश में जुटी हुई है। मामले की जांच जारी है और वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस अपराध में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
वन विभाग की सख्त चेतावनी
वन विभाग ने इस कार्रवाई के जरिए वन्यप्राणियों के अवैध शिकार में शामिल लोगों को कड़ी चेतावनी दी है। वनमंडलाधिकारी श्री शशि कुमार ने कहा कि वन्यजीव संरक्षण के प्रति कोई समझौता नहीं किया जाएगा, और इस तरह के अपराधों में लिप्त व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वन विभाग की इस कार्रवाई को सराहा जा रहा है और इससे जंगलों और वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ने की उम्मीद है।