कांकेर: नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के कांकेर और नारायणपुर जिले की सरहद पर सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए एक बड़े ऑपरेशन में पुलिस ने तीन महिला नक्सलियों को मार गिराया। यह ऑपरेशन 27 अगस्त से शुरू होकर 30 अगस्त की सुबह तक चला। इस मुठभेड़ में मारी गई महिला नक्सलियों की पहचान शुक्रवार देर शाम को कर ली गई। ये तीनों नक्सली उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी की सक्रिय सदस्य थीं और इन पर कुल 18 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
बड़े कैडर के माओवादियों की मौजूदगी की मिली थी सूचना
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा बलों को सूचना मिली थी कि कांकेर और नारायणपुर जिले की सरहद पर बड़े कैडर के माओवादी छिपे हुए हैं। इस सूचना के आधार पर 27 अगस्त को नारायणपुर डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), कोंडागांव DRG, स्पेशल टास्क फोर्स (STF), और सीमा सुरक्षा बल (BSF) की 135वीं बटालियन की संयुक्त टीम को सर्च ऑपरेशन के लिए भेजा गया।
29 अगस्त को मुठभेड़ की शुरुआत
29 अगस्त की सुबह करीब 8 बजे उत्तर बस्तर डिवीजन के जंगल में सुरक्षा बलों की टीम माओवादियों के संपर्क में आई। माओवादियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी, जिसका जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। यह मुठभेड़ देर शाम तक रुक-रुक कर चलती रही। माओवादी घने जंगल की आड़ लेकर भागने की कोशिश करते रहे, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें घेर लिया।
72 घंटे के ऑपरेशन के बाद तीन महिला नक्सली ढेर
लगभग 72 घंटे तक चले इस ऑपरेशन के बाद सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली। मुठभेड़ स्थल से तीन महिला माओवादियों के शव बरामद किए गए, जो वर्दीधारी थीं। इनके पास से बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई। ऑपरेशन के समापन के बाद सुरक्षा बल 30 अगस्त की सुबह अपने बेस पर लौटे।
मारे गए नक्सलियों की पहचान और इनाम की घोषणा
मुठभेड़ में मारी गई महिला नक्सलियों की पहचान लक्ष्मी, सविता, और शांता के रूप में की गई। लक्ष्मी PLGA कंपनी नंबर 5 की सदस्य थी, जिस पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। सविता और शांता दोनों ACM (एरिया कमेटी मेंबर) कैडर की सदस्य थीं, और इन पर 5-5 लाख रुपये का इनाम था।
बरामद किया गया हथियार और विस्फोटक सामग्री
मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की है। इनमें 303 राइफल, 315 राइफल, BGL लॉन्चर, और भरमार बंदूक शामिल हैं। इसके अलावा, कई अन्य विस्फोटक सामान भी बरामद किए गए हैं।
बड़े माओवादी नेटवर्क पर करारा प्रहारइस ऑपरेशन को छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। इस मुठभेड़ ने उत्तर बस्तर डिवीजन में सक्रिय माओवादी नेटवर्क पर करारा प्रहार किया है। पुलिस का मानना है कि इस अभियान से माओवादी गतिविधियों में कमी आएगी और क्षेत्र में शांति स्थापना में मदद मिलेगी।
इस सफलता के बाद, सुरक्षा बलों की सतर्कता और ऑपरेशन की तीव्रता को देखते हुए, क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों पर और कड़ा शिकंजा कसा जा सकता है। पुलिस और सुरक्षा बल अब इस जीत को और आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं, ताकि छत्तीसगढ़ के अन्य क्षेत्रों में भी शांति और सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।