— ग्रामीणों ने किया आत्मीय स्वागत, प्रदेश स्तर पर हुआ आयोजन
कांकेर, 01 मई।
भारत स्काउट्स एवं गाइड्स, जिला कांकेर के तत्वावधान में गुरुवार की प्रातः एक विशेष साइकिल संदेश रैली का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य पर्यावरण एवं जल संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता फैलाना था। यह रैली भारत स्काउट्स एवं गाइड्स की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित की गई, जो कि एक ऐतिहासिक पहल रही।

प्रातः 8 बजे शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लट्टीपारा से प्रारंभ हुई इस साइकिल रैली में स्काउट्स, गाइड्स, रोवर्स, रेंजर्स सहित विभिन्न स्कूलों के स्कूली छात्र-छात्राएं, शिक्षिकाएं एवं स्काउट गाइड लीडर्स ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सभी प्रतिभागी पर्यावरण एवं जल संरक्षण जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण विषयों पर लिखे नारे, बैनर व तख्तियों के साथ शहर की गलियों से गुजरे, जिससे जनमानस में पर्यावरणीय चेतना का संचार हुआ।
रैली का आयोजन जिला शिक्षा अधिकारी श्री अशोक पटेल के आदेश-निर्देशों के अनुसार संपन्न हुआ तथा कार्यक्रम को भारत स्काउट्स एवं गाइड्स जिला मुख्य आयुक्त श्री भरत मटियारा एवं मत्स्य कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष का संरक्षण प्राप्त हुआ। राज्य मुख्य आयुक्त डॉ. सोमनाथ यादव के मार्गदर्शन में यह आयोजन पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के सभी जिलों में समन्वित रूप से संपन्न हुआ।
रैली लट्टीपारा से आरंभ होकर महादेव वार्ड, भंडारीपारा होते हुए ग्राम मनकेशरी पहुंची, जहां स्थानीय ग्रामीणों द्वारा सभी प्रतिभागियों को आत्मीयता से स्वल्पाहार प्रदान कर सम्मानित किया गया। यह दृश्य ग्रामीण और शहरी सहभागिता का एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करता है।
कार्यक्रम में विशेष रूप से जिला सचिव श्री अभिमन्यु कुंवर, श्रीमती दंतेश्वरी तिवारी, श्री वाजिद खान, श्री विवेक दास मानिकपुरी, श्री प्रदुमन श्रीवास, श्रीमती ममता तारम, श्री सुरेश कोरेटी, श्री प्रदीप कुलदीप, श्री प्रदीप साहू, श्री धार्मिक मरकाम, श्री राम भजन नेताम, श्री गोपाल साहू, श्री हर्ष डोंगरे, श्रीमती सृष्टि नागवंशी, श्रीमती उर्वशी यादव, कु. इशिका यादव, कु. पेहली ओसरे, श्री शुभम यादव एवं श्री जितेश नाग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

वहीं ग्राम मनकेशरी के ग्रामीणजनों में विशेष रूप से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती कमलेश्वरी दुर्गे, श्रीमती ईश्वरी मेश्राम एवं लक्ष्मी मेश्राम की सक्रिय भागीदारी ने आयोजन को और भी सराहनीय बना दिया।
यह साइकिल रैली केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जनांदोलन की तरह थी—जो आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित जल व हरित पर्यावरण के निर्माण का संकल्प लिए हुए थी।