कोंडागांव: राजधानी रायपुर को बस्तर और दक्षिण भारत से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 30 पर स्थित केशकाल घाटी की सड़क को अचानक बंद करने की योजना पर जिला प्रशासन कार्य कर रहा है। इस प्रमुख सड़क मार्ग पर हालात इतने खराब हो गए हैं कि घाटी की 10 मोड़ वाली नौ किलोमीटर लंबी सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। इस कारण रोजाना यहां चार से छह घंटे का जाम लगना आम बात हो गई है। केशकाल घाटी से प्रतिदिन तीन हजार से अधिक छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं, लेकिन सड़क की खस्ता हालत से यह मार्ग लोगों के लिए मुश्किलों का सबब बन गया है।
सड़क की हालत और मरम्मत की समस्या:
इस सड़क की कई बार मरम्मत की कोशिशें की जा चुकी हैं, लेकिन हर बार स्थिति सुधरने के बजाय और खराब हो जाती है। घाटी पर भारी वाहनों की संख्या अधिक होने के कारण मरम्मत कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जिला प्रशासन अब यहां से आवागमन को पूरी तरह से बंद कर रूट डाइवर्ट करने की योजना बना रहा है।
छोटे और बड़े वाहनों के लिए रूट डाइवर्जन:
कोंडागांव के कलेक्टर कुणाल दुधवानी ने जानकारी दी कि छोटे वाहनों को बटराली से मुरनार होते हुए खालेमुरवेंड के रास्ते निकाला जाएगा। वहीं, भारी वाहनों के लिए दो अलग-अलग रूट बनाए जा रहे हैं।
1. पहला रूट केशकाल से विश्रामपुरी होते हुए नगरी जाएगा, वहां से कांकेर होकर रायपुर पहुंचा जा सकेगा।
2. दूसरा रूट बेडमा से सीधा अंतागढ़, भानुप्रतापपुर होते हुए रायपुर तक जाएगा।
इस नए रूट के जरिए प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि यातायात प्रभावित न हो और यात्रा सुगम रहे।
प्रशासन की चेतावनी और आगामी योजना:
प्रशासन की योजना है कि केशकाल घाटी की जर्जर सड़क की मरम्मत के लिए इस रूट को पूरी तरह से बंद किया जाए। मरम्मत का कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा और इस दौरान संबंधित अधिकारियों को ट्रैफिक डाइवर्जन की सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस नई व्यवस्था के तहत यात्री सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से अपनी यात्रा कर सकेंगे।
हालांकि, इस मार्ग के बंद होने से स्थानीय लोगों और व्यापारियों को कुछ असुविधा का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन प्रशासन का दावा है कि मरम्मत कार्य के बाद यह मार्ग फिर से सुचारु रूप से चालू हो जाएगा, जिससे क्षेत्र में यातायात और परिवहन बेहतर हो सकेगा।
यह कदम प्रशासन की ओर से उठाया गया है ताकि क्षेत्र के लोगों को भविष्य में इस मार्ग से आवागमन में राहत मिल सके।