कवर्धा : लोहारीडीह में हुई हिंसा और मौतों के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए रेंगाखार थाना प्रभारी समेत 23 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया है। इसके साथ ही डीएसपी संजय ध्रूव का तबादला भी कर दिया गया है। इस घटना पर सरकार की सख्त प्रतिक्रिया के बाद पुलिस विभाग में हलचल मच गई है।
राजनांदगांव रेंज के आईजी दीपक झा ने इस कार्रवाई की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि रेंगाखार थाना प्रभारी, एसआई महामंगलम, एसआई अंकिता समेत 23 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच किया गया है। इसके अलावा डीएसपी संजय ध्रूव के प्रभार में भी बदलाव किया गया है। यह कार्रवाई लोहारीडीह हिंसा मामले में पुलिस की भूमिका को लेकर उठ रहे सवालों के मद्देनजर की गई है।
लोहारीडीह हिंसा: घटनाक्रम का संक्षिप्त विवरण
लोहारीडीह में पिछले सप्ताह एक के बाद एक हुई तीन मौतों ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। 14 सितंबर की रात शिव प्रसाद साहू की लाश मध्यप्रदेश के बिरसा थाना क्षेत्र में एक पेड़ से लटकी हुई मिली थी। इस घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। गुस्साए ग्रामीणों ने हत्या के शक में रघुनाथ साहू के घर को आग के हवाले कर दिया, जिसमें रघुनाथ की जलकर मौत हो गई।
इस घटना के बाद पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 33 महिलाओं समेत कुल 69 ग्रामीणों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। वहीं, 19 सितंबर को हत्या के आरोप में गिरफ्तार प्रशांत साहू की जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। प्रशांत के शरीर पर गहरे चोट के निशान पाए गए, जिससे ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उसकी मौत पुलिस की पिटाई से हुई है।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया है। लगातार हो रही मौतों और हिंसा के बाद पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े होने लगे थे। ग्रामीणों और विपक्षी दलों द्वारा सरकार पर दबाव बनाए जाने के बाद, सरकार ने पुलिस विभाग में यह बड़ी कार्रवाई की है।
सरकार की सख्ती और पुलिस विभाग में हलचल
लोहारीडीह हिंसा में हुई मौतों और पुलिस पर लगे आरोपों के चलते यह स्पष्ट हो गया कि प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत थी। इसी के चलते पुलिसकर्मियों पर यह कार्रवाई की गई है। सरकार ने साफ संदेश दिया है कि ऐसी लापरवाही और हिंसात्मक घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रशासन के इस कड़े कदम से अब यह देखना होगा कि इस कार्रवाई के बाद इलाके में शांति बहाल होती है या नहीं।