फर्जी SBI बैंक का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, लाखों की ठगी का मामला

Harsh Dongre
Harsh Dongre - Editor Kanker
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सक्ती: पुलिस ने फर्जी एसबीआई बैंक के संचालक मास्टरमाइंड अनिल भास्कर को गिरफ्तार कर लिया है, जो बेरोजगार युवाओं से नौकरी के नाम पर लाखों रुपये की ठगी कर चुका था। आरोपी सारंगढ़ भिलाईगढ़ जिले के ग्राम दुम्हानी का निवासी है और सक्ती जिले के मालखरौदा थाना क्षेत्र के छपोरा गांव में फर्जी बैंक का संचालन कर रहा था।

 ठगी का विवरण

अनिल भास्कर ने फर्जी SBI बैंक में नौकरी दिलाने के नाम पर छह लोगों से लाखों रुपये की ठगी की थी। पुलिस के अनुसार, उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें धारा 318, 4, 338, 336, 340, 3, 4 bns शामिल हैं। भास्कर ठगी के बाद मौके से फरार हो गया था, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ने में सफल रही।

 पहले भी है ठगी का इतिहास

पुलिस ने बताया कि अनिल भास्कर शातिर प्रवृत्ति का व्यक्ति है। पहले भी वह रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर साढ़े सात लाख रुपये की ठगी कर चुका है। बिलासपुर जिले के तोरवा थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज है। सक्ती जिले में उसने SBI में नौकरी दिलाने के नाम पर लगभग साढ़े 6 लाख रुपये ठगे और इस रकम से एक कार और मोबाइल फोन खरीदा।

अन्य आरोपियों की तलाश

भास्कर के अलावा इस मामले में और भी आठ आरोपी हैं, जिनकी तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों का मुख्य टारगेट बेरोजगार युवा होते थे, जो नौकरी की तलाश में रहते थे। उन्हें विभिन्न तरीकों से ठगा जाता था। पुलिस ने भास्कर को नायक डिमांड पर भेज दिया है।

 भंडाफोड़ की प्रक्रिया

पिछले शुक्रवार को जब डभरा एसबीआई ब्रांच के अधिकारी दौरे पर निकले, तो उन्होंने एक फर्जी SBI शाखा देखी और वहां पहुंच गए। बातचीत के दौरान उन्हें कुछ गड़बड़ लगी, जिसके बाद उन्होंने मालखरौदा पुलिस को सूचना दी। पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की। एसबीआई के अधिकारियों ने शिकायत की थी कि भास्कर ने बड़े बैनर के साथ बैंक का सेटअप लगाया था।

जांच टीम के पहुंचने पर भास्कर भाग गया, लेकिन शाखा में छह कर्मचारी उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि उन्हें पत्र और इंटरव्यू के माध्यम से नियुक्त किया गया था।

निष्कर्ष

यह मामला बेरोजगार युवाओं को नौकरी का सपना दिखाकर ठगी करने वाले गिरोह की सक्रियता को उजागर करता है। पुलिस अब इस मामले में गहन जांच कर रही है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है। ऐसे मामलों में जागरूकता और सतर्कता बेहद जरूरी है, ताकि युवा ऐसी ठगी का शिकार न हों।

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