अमरकंटक। सावन माह के दौरान कबीरधाम जिले से अमरकंटक जाने वाले कांवड़ यात्रियों और श्रद्धालुओं की सेवा हेतु पंडरिया विधायक भावना बोहरा द्वारा इस वर्ष भी विशेष व्यवस्था की गई थी। 22 जुलाई से 18 अगस्त तक, नवनिर्मित पालिका परिषद्, जिला अनुपपुर अमरकंटक (म.प्र.) में निशुल्क भोजन और ठहरने की व्यवस्था का आयोजन किया गया, जिसमें 50,000 से अधिक भोजन की थालियां परोसी गईं।
विधायक भावना बोहरा ने किया कांवड़ियों का स्वागत
इस दौरान कबीरधाम जिले से हजारों की संख्या में आए कांवड़ यात्रियों और श्रद्धालुओं का विधायक भावना बोहरा की टीम के सदस्यों ने गर्मजोशी से स्वागत किया और उनकी सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। सुबह के नाश्ते से लेकर दोपहर और रात के भोजन तक, कांवड़ियों को संतुलित और सात्विक भोजन परोसा गया। विधायक भावना बोहरा के नेतृत्व में उनकी टीम ने सुनिश्चित किया कि कोई भी यात्री या श्रद्धालु बिना भोजन या आराम के न रहे।
प्रतिदिन भक्तिमय रहा परिसर
अमरकंटक के इस परिसर में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में कबीरधाम जिले से कांवड़ यात्रियों का आगमन होता रहा। यहां संध्या के समय होने वाली महाआरती और भजन संध्या ने भक्तों के दिलों को छू लिया। हर दिन हजारों भक्तजन महाआरती में शामिल होकर शिवजी की आराधना में लीन होते और उसके बाद भोजन और प्रसाद ग्रहण करते थे। इस भव्य आयोजन का समापन भी हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में हुआ, जिन्होंने भंडारे में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण किया।
इस अवसर पर विधायक भावना बोहरा ने कहा, “कांवड़ यात्रा हमारी सभ्यता, संस्कृति, और सामाजिक आस्था का प्रतीक है। भक्तों की भगवान भोलेनाथ के प्रति अटूट आस्था और विश्वास उन्हें सैकड़ों किलोमीटर की कठिन यात्रा पर ले आता है। उनकी इस कठिन यात्रा को सुगम बनाने और उन्हें सात्विक भोजन, विश्राम और सेवा प्रदान करने का हमें यह सौभाग्य प्राप्त हुआ।”
भावना बोहरा ने कहा, “मैं उन सभी कांवड़ यात्रियों और भक्तजनों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करती हूँ जिन्होंने हमें इस सेवा का अवसर प्रदान किया। हमारे प्रयास में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग देने वाले समाज सेवकों और कबीरधाम जिले की जनता का मैं हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ। यह आयोजन सनातन धर्म, संस्कृति, और इसकी गौरवशाली महिमा को संरक्षित करने में मददगार साबित होगा।”
आने वाले समय में भी निरंतर प्रयास
भावना बोहरा ने अपने वक्तव्य में आगे कहा, “हम आने वाले समय में भी इसी प्रकार सेवा कार्य करते रहेंगे। आपके सहयोग से हम ऐसे और भी प्रयास करेंगे जिससे कांवड़ यात्रा की परंपरा और अधिक समृद्ध हो सके। हमें इस पुण्य के कार्य का हिस्सा बनने का अवसर मिला है, इसके लिए मैं आप सभी की आभारी हूँ।”