नई दिल्ली: टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी गूगल ने हाल ही में Google I/O 2024 में एक नया थेफ्ट डिटेक्शन फीचर लॉक का अनावरण किया है, जो स्मार्टफोन चोरी की घटनाओं को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह फीचर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का उपयोग करके यह पहचानने में सक्षम है कि फोन चोरी हुआ है या नहीं।
गूगल ने इस नए फीचर की टेस्टिंग की शुरुआत ब्राजील से की है, जहाँ इसे व्यापक रूप से जांचा जा रहा है। इस फीचर की उपयोगिता को देखते हुए उम्मीद है कि यह जल्द ही अन्य देशों में भी उपलब्ध होगा।
कैसे काम करता है थेफ्ट डिटेक्शन फीचर लॉक?
यह फीचर अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक का इस्तेमाल करता है। जब किसी स्मार्टफोन के चोरी होने की आशंका होती है, तो यह फीचर स्वतः सक्रिय हो जाता है और फोन को लॉक कर देता है। एक बार लॉक हो जाने के बाद, कोई भी व्यक्ति उस फोन से डेटा, फोटो या UPI ऐप्स की मदद से पेमेंट नहीं कर पाएगा।
फीचर की मुख्य विशेषताएँ
- स्मार्ट डिटेक्शन: यह फीचर फोन के उपयोग और उसकी गतिविधियों को ट्रैक करके यह निर्धारित करता है कि फोन चोरी हुआ है या नहीं।
- स्वचालित लॉक: चोरी की पुष्टि होते ही, यह फीचर फोन को तुरंत लॉक कर देता है, जिससे उसमें संग्रहीत किसी भी प्रकार की जानकारी सुरक्षित रहती है।
- डेटा प्रोटेक्शन: फोन के लॉक हो जाने के बाद, कोई भी व्यक्ति फोन में संग्रहीत डेटा, फोटो या बैंकिंग एप्लिकेशन का उपयोग नहीं कर सकेगा, जिससे वित्तीय धोखाधड़ी की संभावनाओं पर अंकुश लगेगा।
ब्राजील में टेस्टिंग
गूगल ने इस फीचर की टेस्टिंग ब्राजील में शुरू की है, जहाँ स्मार्टफोन चोरी की घटनाएँ आम हैं। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, यह फीचर प्रभावी साबित हो रहा है और उपयोगकर्ताओं को सुरक्षा की नई परत प्रदान कर रहा है। गूगल का मानना है कि यह फीचर भविष्य में स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय बन सकता है।
भविष्य की योजनाएँ
गूगल की योजना इस फीचर को अन्य देशों में भी लॉन्च करने की है। यदि यह फीचर सफलतापूर्वक लागू होता है, तो यह न केवल व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा में मदद करेगा, बल्कि स्मार्टफोन चोरी की घटनाओं को भी कम करने में सहायक सिद्ध होगा।
गूगल का नया थेफ्ट डिटेक्शन फीचर लॉक स्मार्टफोन सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग करके, यह फीचर स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं को चोरी के बाद होने वाले संभावित नुकसानों से बचाने में मदद कर सकता है। ब्राजील में इसकी टेस्टिंग के शुरुआती परिणाम उत्साहजनक हैं, और उम्मीद है कि यह फीचर जल्द ही वैश्विक स्तर पर उपलब्ध होगा, जिससे स्मार्टफोन उपयोगकर्ता अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे।