रायपुर। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसटी-एससी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के फैसले के खिलाफ देशभर के विभिन्न संगठनों द्वारा आज भारत बंद का आह्वान किया गया है। इस बंद को लेकर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर कुत्सित राजनीति कर देश को अराजकता में झोंकने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है।
विपक्ष पर आरोप
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ट्वीट करते हुए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “जब केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि एसटी-एससी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू नहीं होगा, तब 21 अगस्त 2024 को भारत बंद का आह्वान करने का औचित्य क्या है?”
विजय शर्मा का कहना है कि यह बंद पूरी तरह से अनावश्यक है और इसे केवल राजनीतिक लाभ के लिए बुलाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी इस बंद के माध्यम से देश में अराजकता फैलाने और समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रही है।
विजय शर्मा जी का ट्वीट
सिर्फ़ कुत्सित राजनीति – देश को अराजकता में झोंकने का षड्यंत्र।
जब केंद्र सरकार ने अपनी राय स्पष्ट कर दी है – की ST-SC आरक्षण में क्रिमी लेयर लागू नहीं होगा – तब कल 21 अगस्त 2024 को भारत बंद के आह्वान का औचित्य क्या है ?? @AmitShah @PawanSaiBJP @ajayjamwalbjp @blsanthosh pic.twitter.com/lz3fxc2LnR
— Vijay sharma (@vijaysharmacg) August 20, 2024
संगठनों की मांग
गौरतलब है कि दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर इस भारत बंद का ऐलान किया है। नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स (NACDAOR) ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए न्याय और समानता की मांग की है।
शर्मा जी का तर्क
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस संदर्भ में कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है और एसटी-एससी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू नहीं किया जाएगा। ऐसे में भारत बंद का आह्वान करके विपक्ष देश की जनता को गुमराह कर रहा है और राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश की शांति को भंग करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के प्रयासों से देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की जा रही है।
बंद का असर
भारत बंद का आह्वान करने वाले संगठनों का कहना है कि यह विरोध प्रदर्शन एसटी-एससी और ओबीसी समुदाय के अधिकारों की रक्षा और उनके लिए समानता सुनिश्चित करने के लिए है। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न हिस्सों में इस बंद का असर दिखाई दिया। कहीं-कहीं पर तनाव की स्थिति भी देखने को मिली, लेकिन अधिकांश स्थानों पर शांति रही।