कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में एक युवक की धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर दी गई है। घटना जिले के नक्सल प्रभावित बड़गांव थाना क्षेत्र के ग्राम मारकचुआ की है, जहां 22 वर्षीय राकेश जाड़े की लाश घर से महज 100 मीटर की दूरी पर जंगल में पाई गई। युवक के गले पर धारदार हथियार से वार कर हत्या की गई थी।
नक्सलियों पर हत्या का आरोप
परिजनों ने इस हत्या के लिए नक्सलियों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि नक्सलियों ने राकेश जाड़े की हत्या मुखबिरी के शक में की है। बताया जा रहा है कि इस इलाके में नक्सलियों का सक्रिय प्रभाव है, और कई बार उन्होंने मुखबिरी के शक में निर्दोष लोगों को निशाना बनाया है। परिजनों का कहना है कि राकेश निर्दोष था और उसका किसी प्रकार से नक्सल गतिविधियों से कोई संबंध नहीं था।
पुलिस की प्रारंभिक प्रतिक्रिया
घटना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। पखांजूर के एएसपी प्रशांत शुक्ला ने बताया कि युवक की हत्या धारदार हथियार से की गई है, और पुलिस घटना स्थल से सबूत जुटा रही है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है, और घटना की हर पहलू से जांच की जा रही है।
हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस हत्या को नक्सल वारदात मानने से इनकार किया है। पुलिस का कहना है कि यह हत्या आपसी रंजिश का परिणाम भी हो सकती है। एएसपी शुक्ला ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट रूप से कहा जा सकेगा कि यह नक्सली हत्या है या फिर आपसी विवाद के कारण अंजाम दी गई है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बढ़ता खतरा
कांकेर जिले के बड़गांव थाना क्षेत्र को घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में से एक माना जाता है। यहां नक्सलियों की सक्रियता के कारण अक्सर पुलिस और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं होती रहती हैं। इस क्षेत्र में मुखबिरी के शक में हत्याओं के मामले भी पहले सामने आए हैं, जिससे स्थानीय ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना रहता है।
इस घटना के बाद से ग्रामीणों में भय और असुरक्षा की भावना और बढ़ गई है। प्रशासन और सुरक्षा बलों से लगातार नक्सली गतिविधियों पर नजर रखने और गांवों में सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की जा रही है।
पोस्टमॉर्टम और जांच के बाद खुलासा होगा सच्चाई
फिलहाल पुलिस हर संभावित एंगल से जांच कर रही है। शव का पोस्टमॉर्टम होने के बाद और साक्ष्यों के आधार पर ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि राकेश की हत्या नक्सलियों ने की है या यह किसी आपसी विवाद का परिणाम है। जांच के बाद ही मामले में कोई ठोस कार्रवाई की जाएगी।
कांकेर जिले में इस घटना ने एक बार फिर से नक्सली गतिविधियों और उनकी हिंसक कार्रवाइयों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।