रायगढ़: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में 7 से 16 सितंबर तक 39वें चक्रधर समारोह का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस 10 दिन लंबे समारोह की शुरुआत प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना और पद्मश्री हेमा मालिनी की नृत्य नाटिका ‘राधा रासबिहारी’ से होगी। समारोह का समापन रामलीला मैदान में कवि डॉ. कुमार विश्वास के कविता पाठ से होगा।
रविवार को रायगढ़ के कलेक्टर कार्तिकेय गोयल और एसपी दिव्यांग पटेल ने मुख्यमंत्री हाउस जाकर मुख्यमंत्री को समारोह में शामिल होने का आमंत्रण दिया। कला महोत्सव की तैयारी पूरी कर ली गई है और इसमें देश-विदेश के नामचीन कलाकारों का एक अनूठा सम्मेलन होगा।
इस वर्ष समारोह में पद्मश्री से सम्मानित सात कलाकार अपने प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे। इनमें प्रमुख हैं:
1. हेमा मालिनी: भारतीय सिनेमा की दिग्गज अदाकारा और भाजपा की सांसद, जो अपनी भरतनाट्यम नृत्य कला के लिए भी मशहूर हैं। उन्होंने भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
2. पद्मश्री रामलाल बरेठ: रायगढ़ कत्थक शैली के प्रमुख प्रवर्तक, जिन्होंने कत्थक को एक विशेष घराना के रूप में स्थापित किया। उन्हें 1996 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और 2024 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
3. पद्मश्री कुमारी देवयानी: भारतीय शास्त्रीय नृत्य की एक प्रमुख नृत्यांगना, जिन्होंने भरतनाट्यम के माध्यम से भारत और विदेशों में अपनी कला का प्रदर्शन किया। उन्हें 2009 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
4. पद्मश्री डॉ. भारती बंधु: छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संगीतकार और गायक, जिन्हें कबीर भजनों के लिए जाना जाता है। उन्हें 2013 में पद्मश्री और राजा चक्रधर सम्मान प्राप्त हुआ है।
5. पद्मश्री अनुज शर्मा: छत्तीसगढ़ी सिनेमा के अभिनेता और गायक, जिन्हें अभिनय और गायन में योगदान के लिए 2014 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
6. पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे: हास्य कवि और आयुर्वेदिक चिकित्सक, जिन्होंने देश-विदेश में अपनी हास्य कविताओं के लिए प्रशंसा प्राप्त की। उन्हें 2010 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
7. पद्मश्री रंजना गौहर: ओडिसी नृत्य की प्रमुख नृत्यांगना और कोरियोग्राफर, जिन्होंने ओडिसी नृत्य पर एक पुस्तक भी लिखी है। उन्हें 2003 में पद्मश्री और 2007 में राष्ट्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ।
इस बार का चक्रधर समारोह कला प्रेमियों के लिए एक विशेष अवसर होगा, जिसमें भारतीय संस्कृति और कला के विभिन्न पहलुओं का अनूठा समागम देखने को मिलेगा।