कवर्धा: कवर्धा स्थित आचार्य पंथ श्री गृंध मुनि नाम साहेब शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में जनभागीदारी मद की राशि में 50 लाख की वित्तीय अनियमितताओं और लेखा संधारण में लापरवाही का मामला उजागर होने पर प्रभारी प्राचार्य डॉ. बी.एस. चौहान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियमों के तहत की गई है।
वित्तीय लापरवाही के गंभीर आरोप
सूत्रों के अनुसार, जनभागीदारी मद की बड़ी राशि के लेखा संधारण में गंभीर लापरवाही और वित्तीय अनियमितताएं पाई गईं। हालांकि, 50 लाख रुपये की गबन का सीधा आरोप प्रभारी प्राचार्य पर नहीं लगाया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने यह कदम उठाया है।
विद्यार्थी परिषद ने उठाई थी मांग
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को लेकर महाविद्यालय में धरना प्रदर्शन किया था और मामले की निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की थी। परिषद ने आरोप लगाया कि वित्तीय अनियमितताएं महाविद्यालय, शासन और उच्च शिक्षा विभाग की छवि धूमिल कर रही हैं।
नियमों की अवहेलना का आरोप
डॉ. बी.एस. चौहान, जो कि प्रभारी प्राचार्य और सहायक प्राध्यापक (अर्थशास्त्र) हैं, पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन करने का आरोप है। उनके कार्यों को शासकीय कार्यों के प्रति घोर लापरवाही और नियमों की अवहेलना माना गया है।
निलंबन आदेश जारी
छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत डॉ. चौहान को अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय क्षेत्रीय अपर संचालक कार्यालय, उच्च शिक्षा, दुर्ग संभाग, छत्तीसगढ़ निर्धारित किया गया है।
शासन की सख्ती
यह मामला शासन और उच्च शिक्षा विभाग की गंभीरता को दर्शाता है। वित्तीय पारदर्शिता और नियमानुसार संचालन सुनिश्चित करने के लिए इस प्रकार की लापरवाहियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
मामले की विस्तृत जांच और दोषियों के खिलाफ आवश्यक कदम उठाए जाने की उम्मीद की जा रही है। इस घटना ने शिक्षा जगत में वित्तीय अनुशासन और जवाबदेही की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है।