महिला LOS कमांडर समेत 4 नक्सलियों का सरेंडर: 12 लाख के इनामी, कई बड़े हमलों में थे शामिल
कांकेर में 12 लाख के इनामी 4 नक्सलियों ने बीएसएफ और जिला पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर चारों नक्सलियों ने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। आत्मसमर्पण करने वालों में एक महिला एलओएस कमांडर समेत 2 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं। नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की गई है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया गया खुलासा
बीएसएफ और पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी कि नक्सलियों ने माओवाद की खोखली विचारधारा और शोषण से तंग आकर सरेंडर किया है। एसपी कार्यालय में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीएसएफ डीआईजी हरिंदर पाल सिंह सोढ़ी, कांकेर पुलिस डीआईजी के एल ध्रुव और एसपी आई के ऐलेसेला सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। अधिकारियों ने बताया कि चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान से नक्सली बैकफुट पर हैं, जिसके चलते उन्होंने सरेंडर करने का फैसला किया।
नक्सलियों की पहचान
सरेंडर किए गए नक्सलियों में प्रमुख रूप से कुऐमारी एलओएस कमांडर सुरजन्ना उर्फ सीताय कोर्राम (28) शामिल है, जो नारायणपुर जिले के कोसलनार गांव की निवासी है। सुरजन्ना को 2007 में बेनूर एलओएस कमांडर राजेश ने नक्सल संगठन में भर्ती कराया था। 2007 से लेकर अब तक वह कई नक्सली घटनाओं में शामिल रही है। इसके अलावा नरेश उर्फ लक्कु पुनेम, सागर उर्फ गंगा दिड़दो और अंजू उर्फ सरिता शोरी ने भी आत्मसमर्पण किया है। इन सभी पर 12 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
प्रमुख नक्सली घटनाओं में शामिल
एलओएस कमांडर सुरजन्ना ने 2010 में नारायणपुर के कोसलनार-माहराबेड़ा इलाके में हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में सक्रिय भूमिका निभाई थी, जिसमें 27 जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा 2013 में केशकाल में पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी पर हुए हमले में भी वह शामिल रही थी, जिसमें एक जवान की मौत हो गई थी। 2020 के पंचायत चुनाव के दौरान आईईडी विस्फोट की घटना में भी वह शामिल थी, जिसमें एक बीएसएफ जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था।
नरेश उर्फ लक्कु पुनेम ने 2023 में थाना कोयलीबेड़ा के जंगल में हुई मुठभेड़ में हिस्सा लिया था, जिसमें 2 नक्सली मारे गए थे। सागर उर्फ गंगा ने 2020 के पंचायत चुनावों के दौरान बड़ेतेवड़ा में हुए आईईडी विस्फोट और 2022 में कांकेर के निर्माण कार्य में लगे वाहनों में आगजनी की घटनाओं में भाग लिया था। अंजू उर्फ सरिता शोरी भी 2023 में भैंसगांव-मुरागांव में हुए ब्लास्ट में शामिल थी, जिसमें एक सिविलियन की मौत हुई थी।
सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण
पुलिस और बीएसएफ के लगातार चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियानों के चलते नक्सली संगठन बैकफुट पर आ गया है। चारों नक्सलियों ने सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया और मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। पुलिस ने उन्हें पुनर्वास नीति के तहत आर्थिक सहायता दी है और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
सरेंडर करने वाले नक्सलियों के इस कदम से इलाके में शांति और सुरक्षा बहाल होने की उम्मीद जताई जा रही है।