छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध पोला तिहार इस वर्ष सोमवार, 2 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। इस तिहार की तैयारी शहर भर में धूमधाम से की जा रही है। कांकेर शहर के बाजार में विशेष रूप से नदिया बेला की मूर्तियों का बाजार सज चुका है, जो इस पर्व की महत्वपूर्ण परंपरा का हिस्सा हैं।
पोलास का त्यौहार खासकर किसानों और उनके परिवारों द्वारा मनाया जाता है, जिसमें पशुओं को सम्मानित किया जाता है और उनकी सुंदरता को निखारने के लिए सजाया जाता है। इस अवसर पर, नदिया बेला की मूर्तियों की विशेष मांग होती है, जो ग्रामीण संस्कृति और परंपरा का प्रतीक मानी जाती हैं।
कांकेर शहर के विभिन्न बाजारों में नदिया बेला की मूर्तियाँ सजाई गई हैं, जहां पर विभिन्न आकार और डिज़ाइन की मूर्तियाँ उपलब्ध हैं। बाजार में आकर लोग इन्हें खरीद रहे हैं और अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। मूर्तियों की कीमतों में भी विविधता देखी जा रही है, जो आम जनता की पहुँच में हैं।
इस बार, बाजार में अधिक भीड़भाड़ की संभावना है, क्योंकि लोग इस पर्व को मनाने के लिए उत्साहित हैं। बाजार में रंग-बिरंगे झंडे, सजावटी वस्तुएं और मिठाइयों की दुकानों के साथ ही नदिया बेला की मूर्तियों का आकर्षण लोगों को अपनी ओर खींच रहा है।
कुल मिलाकर, कांकेर के बाजार में पोला तिहार के लिए नदिया बेला की मूर्तियों की बिक्री ने त्योहार की खुशियों को और भी बढ़ा दिया है। इस पर्व के माध्यम से लोग अपने सांस्कृतिक धरोहर को सम्मानित करने के साथ-साथ एकजुटता और भाईचारे का संदेश भी फैलाते हैं।