कांकेर: कांकेर जिले में पिछले 18 घंटों से निरंतर मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसके परिणामस्वरूप दुध नदी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। नदी के जलस्तर में अत्यधिक वृद्धि के कारण आसपास के क्षेत्रों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। कई छोटी दुकानें और व्यवसायिक स्थान पानी में जलमग्न हो गए हैं, जिससे व्यापार और जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
दुध नदी में बाढ़ की स्थिति
कांकेर की दुध नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। बारिश की वजह से नदी का पानी उफान पर है और इसके किनारे स्थित कई छोटी दुकानें और निचले इलाकों में पानी भर गया है। इस जलभराव के कारण दुकानदारों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है, और कई व्यापारिक गतिविधियाँ ठप हो गई हैं। स्थानीय निवासी भी बाढ़ की स्थिति को लेकर चिंतित हैं और प्रशासन से त्वरित राहत की उम्मीद कर रहे हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि बारिश का सिलसिला इसी प्रकार जारी रहा, तो जिले में विशाल बाढ़ की संभावना बन सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, लगातार हो रही भारी बारिश के चलते नदी का जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है। विभाग ने क्षेत्रीय निवासियों को सतर्क रहने और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने की सलाह दी है।
प्रशासन की तैयारी
प्रशासन ने बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए आपातकालीन स्थिति की तैयारी कर ली है। राहत कार्यों के लिए अधिकारियों ने पानी निकालने के पंप और अन्य आवश्यक संसाधनों की तैनाती की है। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों को भी बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जागरूक किया है और आवश्यक सलाह प्रदान की है।
स्थानीय निवासियों की स्थिति
नदी किनारे स्थित व्यापारियों और स्थानीय निवासियों ने बाढ़ की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की है। कई दुकानदारों ने अपने व्यापार को बचाने के लिए प्रयास किए हैं, लेकिन अत्यधिक पानी के कारण उनकी कोशिशें नाकाम हो रही हैं। नागरिकों ने प्रशासन से त्वरित राहत कार्यों और बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय कदम उठाने की अपील की है।
कांकेर जिले में मूसलाधार बारिश के चलते दुध नदी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे कई दुकानें और निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। मौसम विभाग की चेतावनी और प्रशासन की तैयारियों के बावजूद, नागरिकों को सतर्क रहने और बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को मिलकर बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तत्पर रहना होगा।