कांकेर: जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान कांकेर में राष्ट्रीय स्तर पर संचालित उल्लास साक्षरता कार्यक्रम के तहत दो दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण और कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विकासखंड स्तरीय श्रोत व्यक्तियों को असाक्षरों को साक्षर बनाने की तकनीक पर प्रशिक्षित करना था।
कार्यशाला में जिला स्तरीय श्रोत व्यक्तियों द्वारा विकासखंड स्तर के श्रोत व्यक्तियों को आगामी कार्ययोजना, उल्लास साक्षरता केंद्र के संचालन, मॉनिटरिंग, और वालंटियर शिक्षकों के माध्यम से असाक्षरों को साक्षर बनाने की तकनीक पर जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य 15 वर्ष से अधिक उम्र के सभी असाक्षरों को साक्षर करना है, जिससे जिले को शतप्रतिशत साक्षर बनाया जा सके।
कार्यशाला में डीईओ अशोक पटेल ने कार्यक्रम के उद्देश्य और लक्ष्य से अवगत कराते हुए ईमानदारी और निष्ठा के साथ कार्यक्रम को सफल बनाने की बात कही। उन्होंने ग्राम प्रभारियों और स्वयंसेवकों को प्रेरित करने और प्रशिक्षण के माध्यम से राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की अपील की।
सहायक जिला परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा एवं कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी वैभव कुमार मेश्राम ने प्रशिक्षण और कार्यशाला की रूपरेखा और उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत संचालित नवभारत साक्षरता कार्यक्रम उल्लास के क्रियान्वयन के लिए कुशल प्रशिक्षकों को संबोधित किया।
कार्यशाला में असाक्षरों को साक्षर बनाने का संकल्प दिलाया गया। उल्लास एप पर ऑनलाइन प्रविष्टि की नवीनतम जानकारी दी गई और स्वयंसेवी शिक्षकों की पहचान कर उन्हें शीघ्र प्रशिक्षित करने की बात की गई। 10 असाक्षरों को साक्षर बनाने पर राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा प्रमाण पत्र देने और बोर्ड की परीक्षाओं में सम्मिलित ऐसे परीक्षार्थियों को 10 अंक बोनस प्रदान करने की जानकारी भी दी गई।
ब्लॉक के सभी कुशल प्रशिक्षकों को 10वीं और 12वीं कक्षा के बच्चों को इस कार्यक्रम में भागीदार बनाने और इसे सफल बनाने की अपील की गई। प्रशिक्षण में डीसीएल प्रभारी हेमचंद, जिला स्रोत व्यक्ति नंदकुमार अटभैया, निधि गुप्ता और जिले के सभी विकासखंड के कुशल स्रोत व्यक्ति भी उपस्थित थे।
इस कार्यशाला के माध्यम से असाक्षरों को साक्षर बनाने के प्रयासों को गति देने और शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने का लक्ष्य रखा गया है।