खैरागढ़ (छत्तीसगढ़): जंगली जानवरों के अवैध शिकार के लिए शिकारी बेखौफ होकर जंगलों में खतरनाक तरीके अपना रहे हैं। ऐसे कृत्यों से जानवरों के साथ-साथ अब इंसान भी गंभीर जोखिम में पड़ रहे हैं। हाल ही में खैरागढ़ जिले के वनांचल क्षेत्र से एक ऐसी ही हृदय विदारक घटना सामने आई है, जिसमें जानवरों के शिकार के लिए लगाए गए करंट वाले जाल में फंसकर 22 वर्षीय युवक साहिल खान की मौत हो गई। यह घटना साल्हेवारा थाना क्षेत्र के कुकरपाट जंगल की है, जहां युवक अपनी भैंस ढूंढने गया था।
घटना का विवरण:
पुलिस के अनुसार, मृतक युवक साहिल खान अपने भाई के साथ जंगल में अपनी भैंसों को ढूंढने निकला था। इस दौरान, कुकरपाट क्षेत्र के जंगल में शिकारियों द्वारा जानवरों के लिए बिछाए गए करंट के जाल में वह फंस गया। करंट लगने से उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। उसके भाई ने तुरंत मदद के लिए शोर मचाया, लेकिन तब तक साहिल की जान जा चुकी थी। ग्रामीणों ने पुलिस को घटना की सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
शिकारियों की बेखौफ हरकतें:
इस क्षेत्र में शिकारी लगातार अवैध शिकार के लिए खतरनाक बिजली के जाल बिछा रहे हैं। इसके कारण जानवरों के साथ-साथ इंसानों की भी जान पर बन आई है। इससे पहले भी इस क्षेत्र में अवैध करंट बिछाए जाने के कई मामले सामने आए थे, जिसके कारण बिजली की आपूर्ति भी बाधित हो गई थी। स्थानीय निवासियों ने वन विभाग और प्रशासन से कई बार शिकारी गतिविधियों पर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
प्रशासन की कार्रवाई:
इस दर्दनाक घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि वे शिकारी गिरोह की पहचान करने और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, वन विभाग से भी इस मामले में जवाब तलब किया जा रहा है कि वे वन क्षेत्र की सुरक्षा और शिकारियों की इन गतिविधियों को रोकने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं।
ग्रामीणों का आक्रोश:
इस घटना के बाद से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि वन विभाग और प्रशासन इस इलाके में अवैध शिकारियों की गतिविधियों पर ध्यान नहीं दे रहा है, जिसके चलते ऐसी घटनाएं हो रही हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि वन विभाग और प्रशासन शिकारी गिरोहों पर कड़ी नजर रखे और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करे।
निष्कर्ष :
यह घटना यह बताती है कि शिकारियों की अवैध गतिविधियों से न केवल जानवरों बल्कि इंसानों की जान भी खतरे में है। प्रशासन को इस मामले में गंभीरता से जांच करते हुए शिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। वन क्षेत्र की सुरक्षा को मजबूत करना और ग्रामीणों को जागरूक करना भी इस दिशा में अहम कदम होंगे।