Corona Update: अब आपकी आवाज भी छीन सकता है कोरोना, गले को भी नुकसान पहुंचा रहा नया वेरिएंट JN.1

उभरता खतरा: कोरोना वैरिएंट JN.1 के मामलों में वृद्धि चिंता का विषय

Pushpraj Singh Thakur
Pushpraj Singh Thakur - Editor in Chief 39 Views
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कोरोना वायरस के नए वैरिएंट JN.1 से संक्रमित मरीजों की बढ़ोतरी न सिर्फ चीन-सिंगापुर बल्कि भारत में भी चिंता बढ़ा रही है। ओमिक्रॉन वायरस के उप-संस्करण के रूप में पहचाना गया, जेएन.1 अपने पूर्ववर्ती, ओमिक्रॉन के समान लक्षण प्रदर्शित करता है। चिकित्सा विशेषज्ञ सावधान करते हैं कि नया संस्करण शरीर पर प्रभाव डालते हुए विभिन्न तरीकों से प्रकट हो सकता है। पीडियाट्रिक जर्नल में प्रलेखित हालिया शोध से पता चलता है कि कोरोना वायरस गले को संक्रमित कर सकता है, जिससे संभावित रूप से न केवल स्वाद और गंध बल्कि आवाज की भी हानि हो सकती है। स्थिति सामने आने पर सूचित और सतर्क रहें।

कोरोना से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं:

1. वैक्सीनेशन: लोगों को COVID-19 वैक्सीन से सुरक्षा प्राप्त करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। वैक्सीनेशन व्यक्ति को संक्रमण से होने वाली संभावना को कम कर सकता है और गंभीर संक्रमण से बचाव में मदद कर सकता है।

2. मास्क पहनना: सामाजिक दूरी बनाए रखने के साथ ही सही तरीके से मास्क पहनना भी महत्वपूर्ण है। यह संक्रमण के फैलाव को रोकने में मदद करता है।

3. हाथों का संरक्षण: समय-समय पर हाथ धोना और सेनेटाइज़र का उपयोग करना हमेशा महत्वपूर्ण रहता है।

4. अच्छी स्वास्थ्य आदतें: स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना, सही आहार लेना, पर्याप्त नींद लेना, और स्ट्रेस से बचना भी महत्वपूर्ण है।

5. सावधानी से सामाजिक संबंध: अधिक लोगों के साथ समय बिताने से बचें, और जरूरी होने पर ही सामूहिक घेराबंधन का पालन करें।

6. अस्पताल जाना: यदि किसी को संक्रमित होने का शक है या व्यक्ति को गंभीर लक्षण हैं, तो वह तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।

याद रहे कि ये उपाय साथ-साथ अपनाए जाएं तो ही सबसे अधिक प्रभावी हो सकते हैं।

 

कोविड-19 से पीड़ित मरीजों के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्देश हैं:

1. आत्म-आइसोलेशन: पॉजिटिव केस के मरीजों को अन्य लोगों से दूर रहने के लिए आत्म-आइसोलेशन का पालन करना चाहिए। यह सहायक है ताकि वे अन्य लोगों को संक्रमित न करें।

2. चिकित्सक से संपर्क: मरीज को अपने चिकित्सक से संपर्क करके उनकी मार्गदर्शन में रहना चाहिए और उनकी सलाह और निर्देशों का पालन करना चाहिए।

3. उपयुक्त इलाज: चिकित्सक की सलाह पर उपयुक्त इलाज का पालन करना चाहिए, जैसे कि दवाएं, आयुर्वेदिक उपचार, और अन्य उपचार जो चिकित्सक द्वारा सुझाए जाते हैं।

4. आहार और पौष्टिक दृष्टि: मरीज को पौष्टिक आहार लेना चाहिए और उन्हें पर्याप्त पानी पीना चाहिए, ताकि उनकी शारीरिक स्थिति सुधारे।

5. विश्राम और उपयुक्त देखभाल: मरीजों को अधिक से अधिक आराम करने का अवसर देना चाहिए, और उन्हें अपनी देखभाल के लिए सहायता लेनी चाहिए, विशेषकर जब वे एकाधिक हैं।

6. संपर्क की पूर्व-सूचना: मरीज को जो भी लोगों के साथ संपर्क में थे, उन्हें सूचित करना चाहिए ताकि वे भी स्वयं को चेक करें और संभावित संक्रमण से बचें।

यदि मरीज को किसी समय गंभीर स्थिति हो, तो तुरंत चिकित्सक से सहायता प्राप्त करना चाहिए।

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Pushpraj Singh Thakur
By Pushpraj Singh Thakur Editor in Chief
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आप सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं एवं वर्तमान में India News के जिला ब्यूरोचीफ के रूप में काम कर रहे हैं। आप सॉफ्टवेयर डेवलपर एवं डिजाइनर भी हैं।

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