कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने स्वामी करपात्री जी विद्यालय पहुंचकर बच्चों को खिलाई कृमिनाशक दवा

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर स्कूली बच्चों को खिलाई गई कृमिनाशक दवा

Pushpraj Singh Thakur
Pushpraj Singh Thakur - Editor in Chief 57 Views
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कवर्धा। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर कवर्धा के स्वामी करपात्री जी स्कूल में स्कूली बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाने का अभियान शुरू किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर जनमेजय महोबे ने स्वयं उपस्थित होकर बच्चों को एल्बेंडाजोल टेबलेट खिलाई और अभियान की शुरुआत की। उन्होंने जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों, शासकीय एवं अनुदान प्राप्त शालाओं, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, निजी स्कूलों, महाविद्यालयों, और तकनीकी शिक्षा संस्थानों में एक वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने जिले के लोगों से अपील की कि वे कृमि मुक्ति दिवस पर निर्धारित 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को एल्बेंडाजोल की खुराक दिलवाएं। अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, और स्वच्छ भारत मिशन को जिम्मेदारी दी गई है। कलेक्टर ने कहा कि इन विभागों की संयुक्त भूमिका से अभियान को सफल बनाया जा सकता है। 24 सितंबर को मॉप-अप दिवस के रूप में चिन्हित किया गया है, जिस दिन छुटे हुए बच्चों को कृमिनाशक दवा दी जाएगी।

निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को किया गया सम्मानित

स्वामी करपात्री जी स्कूल में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के संबंध में एक निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को स्वास्थ्य संवर्धन के खेल सांप-सीढ़ी का वितरण भी किया। इस खेल के माध्यम से बच्चों को डायरिया से संबंधित जानकारी और बचाव के तरीकों से अवगत कराया गया, ताकि वे अपने प्रतिदिन के जीवन में इसे शामिल कर सकें।

3 लाख 83 हजार 559 बच्चों को दी जाएगी एलबेंडाजोल की खुराक

जिला कार्यक्रम प्रबंधक अनुपमा तिवारी ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर जिले के 3 लाख 83 हजार 559 बच्चों को डिवार्मिंग गोली खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। तिवारी ने बताया कि कृमिनाशक दवा पूरी तरह सुरक्षित है। स्वस्थ दिखने वाले बच्चों को भी यह दवा खिलाई जानी चाहिए क्योंकि कृमि संक्रमण के प्रभाव कई बार वर्षों बाद सामने आते हैं। दवा से पेट के कीड़े मर जाते हैं, जिससे कुछ बच्चों में अस्थायी रूप से जी मिचलाना, उल्टी या पेट दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें विद्यालय में ही संभाला जा सकता है।

खुले में शौच न करने की अपील

कृमि संक्रमण से बचाव के लिए खुले में शौच नहीं करने, खाने से पहले और शौच के बाद साबुन से हाथ धोने, और फलों-सब्जियों को अच्छे से धोकर खाने की सलाह दी गई है। तिवारी ने जिलेवासियों से अपील की कि वे अपने 1 से 19 वर्ष के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों और स्कूलों के माध्यम से एल्बेंडाजोल टेबलेट अवश्य खिलाएं।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इस अवसर पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीएल राज, जिला शिक्षा अधिकारी वाईडी साहू, सहायक संचालक एमके गुप्ता, डीपीएम अनुपमा तिवारी, जिला सलाहकार मुकुंद राव, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक अंशुल, जिला कार्यक्रम समन्वयक आनंद एवं प्रचारसहित शिक्षक एवं शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।

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Pushpraj Singh Thakur
By Pushpraj Singh Thakur Editor in Chief
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आप सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं एवं वर्तमान में India News के जिला ब्यूरोचीफ के रूप में काम कर रहे हैं। आप सॉफ्टवेयर डेवलपर एवं डिजाइनर भी हैं।

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